विमान में मोबाइल, लैपटॉप के इस्तेमाल की इजाजत

बुधवार, 23 अप्रैल 2014 (18:47 IST)
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नई दिल्ली। विमानन नियामक डीजीसीए ने यात्रियों को विमान के भीतर मोबाइल फोन को 'फ्लाइट मोड' में इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। इसके लिए उसने उन नियमों में संशोधन किया जिनके तहत पोर्टेबल इलेक्ट्रानिक उपकरण के इस्तेमाल पर रोक थी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नियमों में संशोधन के बाद अब लोग उड़ान के सभी चरणों में मोबाइल उपकरणों का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन 'फ्लाइट मोड' में।

उन्होंने कहा कि नए नियम या नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) के क्रियान्वयन के साथ अब यात्री विमान में ‘फ्लाइट मोड’ में अपने सेलफोन, टैबलेट या लैपटॉप चालू कर सकते हैं, वीडियो गेम खेल सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं, फिल्म देख सकते हैं या ई-मेल टाइप कर सकते हैं। हालांकि विमान हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही यात्री ई-मेल भेज सकेंगे।

सूत्रों ने कहा कि विमानन कंपनियां लंबे समय से इसकी मांग करती रही हैं। विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे यात्रियों को काम करने के लिए अधिक समय मिल सकेगा।

इससे उन यात्रियों को ज्यादा लाभ होगा जो बजट विमान में यात्रा करते हैं और मनोरंजन के लिए उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती। विमानन नियामक ने हवाई यात्रियों को दी जा रही इस नई सुविधा को संभालने के लिए क्रू सदस्यों हेतु प्रशिक्षण दिशा-निर्देश भी तैयार किए हैं।

नए नियमों के तहत सभी विमानन कंपनियों को इन उपकरणों के चलते किसी भी संदिग्ध या पुष्ट पीईडी हस्तक्षेप या धुंआ या आग की सूचना डीजीसीए को देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हवाई सुरक्षा से संबद्ध सीएआर के एक वर्ग में संशोधन किया गया है ताकि फ्लाइट मोड में पोर्टेबल इलेक्ट्रानिक उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति दी जा सके।

डीजीसीए के इस कदम से भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जहां विमान के भीतर पोर्टेबल इलेक्ट्रानिक उपकरणों के उपयोग की अनुमति है। पिछले साल दिसंबर में ब्रिटिश एयरवेज ने फ्लाइट मोड में सेलफोन के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। कुछ अन्य यूरोपीय व अमेरिकी विमानन कंपनियों ने भी नियमों में इसी तरह के संशोधन किए हैं। (भाषा)

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