देश के हर चार में से एक कार नकदी में खरीदी जाती है और आमतौर पर लोग छोटी कार खरीदने को वरीयता देते हैं।
ऑटोमोटिव रिसर्च एंड कंसल्टेंसी जेडी पावर के वार्षिक सर्वेक्षण के अनुसार पिछले पाँच सालों में नकद भुगतान कर कार खरीदने वालों की संख्या बढ़कर दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। वर्ष 2009 में नकद कार खरीदने वालों का प्रतिशत बढ़कर 27 हो गया है, जो वर्ष 2004 में 12 फीसद था।
सर्वे के मुताबिक बैंकों द्वारा कार ऋण पर ज्यादा ब्याज उगाहने के कारण नकद भुगतान कर कार खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 2007-08 में बैंक कार ऋण पर 15 फीसद तक का ब्याज वसूल करते थे। वर्तमान में मात्र 9-10 फीसद लोग ही कार खरीद के लिए बैंक ऋण लेते हैं।
जेडी पावर एशिया प्रशांत महासागीय क्षेत्र (सिंगापुर) के वरिष्ठ निदेशक मोहित अरोड़ा ने कहा कि भारत में नकद कार खरीदारों की संख्या में पहली बार बढ़ोतरी देखी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 की तुलना में नकद कार खरीदारों की संख्या बढ़कर 40 फीसद हो गई, जो इससे पहले के पाँच सालों में मात्र 27 फीसद थी। (भाषा)