विदेशी दंपत्ति ले रहे हैं किराए की कोख

- संदीप देव
ND

पिछले कुछ समय से राजधानी दिल्ली प्रजनन पर्यटन में यूरोप और अमेरिका को मात दे रहा है। यूरोप व अमेरिका में भारत से पांच से सात गुना महंगी दर पर किराए की कोख उपलब्ध हैं। यही नहीं, फ्रांस सहित अन्य कैथोलिक देशों में में आईवीएफ (टेस्ट ट्‍यूब बेबी) व सरोगेसी (किराए की कोख) पर प्रतिबंध की वजह से भी दिल्ली बेहतर विकल्प है। यही वजह है कि यहां किराए का कोख उपलब्ध कराने वाली आईवीएफ सेंटर में विदेशी दंपत्तियों को लंबी प्रतीक्षा सूची का सामना करना पड़ता है।

एक अनुमान के अनुसार, पूरे देश में इस समय 330 आईवीएफ सेंटर हैं। इसमें दिल्ली, मुंबई, गुजरात व कोलकाता के आईवीएफ सेंटर प्रजनन पर्यटन के केंद्र बन चुके हैं। इस समय दिल्ली में अनुमानतः 27 आईवीएफ केंद्र हैं, जिनमें सबसे अधिक विदेशी दंपत्ति के बच्चे ही तैयार हो रहे हैं।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार, यूरोप व अमेरिका में आईवीएफ व सरोगेसी मदर पर एक दंपत्ति को 70 से 75 हजार डॉलर खर्च करना पड़ता है जबकि यहां यह महज 10 हजार डॉलर में वे मां-बाप बन जाते हैं। फ्रांस जैसे देशों में तो आईवीएफ पर प्रतिबंध है, जिससे भारत उनके लिए आसान विकल्प है। पूरा यूरोप व अमेरिका का प्रजनन पर्यटन भारत की ओर स्थानांतरित हो रहा है।

ND
आइसिस आईवीएफ सेंटर की निदेशक डॉ. शिवानी सचदेव के अनुसार, हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, आयरलैंड आदि के दंपत्ति आईवीएफ के लिए आते हैं। इस समय आयरलैंड के दंपत्तियों के 15 बच्चे इस देश में पैदा हुए हैं, जिसमें से सात हमारे केंद्र पर पैदा हुए हैं। यहां ये ऐसी महिलाएं हैं, जो पैसे लेकर विदेशी महिलाओं को किराए पर अपना कोख उपलब्ध कराती हैं। ये वैज्ञानिक भाषा में ये सरोगेट मदर हैं, जिनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

भारतीय महिलाओं को भी नौ महीने तक किराए पर कोख उपलब्ध कराने के लिए 60 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक मिल जाते हैं। भारत में हर महीने दो से तीन भारतीय व 25 विदेशी अभिभावक सेरोगेसी के जरिए बच्चे हासिल कर रहे हैं।

विदेशियों में अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, कोरिया, चीन, मध्य पूर्व के देश, जकार्ता, जापान, स्पेन, डेनमार्क आदि के दंपत्ति शामिल हैं। उनके लिए पर्यटन के साथ मां-बाप बनने का मौका यहां सस्ती दर पर उलब्ध हो जाता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें