राजस्थान चुनाव, क्या कहते हैं मतदाता...

शनिवार, 30 नवंबर 2013 (20:25 IST)
जयपुर। राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों के लिए रविवार को होने जा रहे मतदान को लेकर यूं तो मतदाताओं में खासा उत्साह है, लेकिन वे अपने मन की बात किसी को नहीं बताना चाहते। वे कहते हैं वोट हमारा हक है, लेकिन कहीं-कहीं असंतोष के स्वर भी सुनाई देते हैं। आइए देखते हैं क्या कहते हैं राजस्थान के मतदाता रविवार को होने जा रहे मतदान को लेकर....

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जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के श्यामनगर में रहने वालीं शिल्पम जोशी मानती हैं कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालना चाहिए। वे कहती हैं वोट लोकतंत्र का वह मंत्र है जिसके माध्यम से हम अपनी सरकार बनाते हैं।

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झुंझनू विधानसभा क्षेत्र के भारौंदा खुर्द निवासी भानुप्रतापसिंह कहते हैं वोट तो हमें जरूर डालना चाहिए। वोट हमारा लोकतांत्रिक हक है। इसके माध्यम से हम अपने क्षेत्र की तकदीर संवार सकते हैं। ..और यदि हमें कोई उम्मीदवार पसंद नहीं भी है तो अब नोटा का विकल्प भी मौजूद है।

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सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र के मलारना चौड़ निवासी अनुराधा राजावत इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि वे इस बार पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वे कहती हैं अंगुली में लगी स्याही और लोगों को मतदात के लिए जाता देख पहले काफी जिज्ञासा होती थी और यह भी इच्छा होती थी कि हमारा नाम भी वोटर लिस्ट में होना चाहिए, लेकिन इस बार मैं जरूर वोट करूंगी।

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करौली विधानसभा क्षेत्र के हरनगर ग्राम निवासी गणेशसिंह जादौन का मानना है कि मैं खुद तो वोट डालूंगा ही और लोगों को भी बूथ तक ले जाने का काम करूंगा। अपनी पसंद के उम्मीदवार को जो जिताना है। वे कहते हैं वोट किसी भी दो, लेकिन अपने इस अधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए। लोकतंत्र के उत्सव में वोट ही तो सबसे बड़ी चीज है।

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राजधानी जयपुर के आमेर विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले दामोदर शर्मा मतदान को लेकर काफी उत्साहित हैं। वे कहते हैं मैं वोट जरूर डालूंगा, इसके लिए मुझे कुछ काम भी छोड़ना पड़ा तो मैं ऐसा करूंगा। हालांकि नेताओं के प्रति उनके मन में असंतोष जरूर दिखा। वे कहते हैं मैं अपने असंतोष को वोट के माध्यम से भी तो जाहिर कर सकता हूं।

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सपोटरा विधानसभा क्षेत्र के मंडरायल निवासी नरेश और बालकृष्ण वोटिंग को लेकर उत्साहित तो हैं, लेकिन उन्हें अपने काम भी चिंता है। बालकृष्ण जहां अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने की बात करते हैं, लेकिन नरेश असंतोष प्रकट करते हुए कहते हैं कि हम वोट डालें या न डालें क्या फर्क पड़ता है। इससे नेताओं पर तो कोई असर नहीं होने वाला है, वे तो अपने मन की ही करते हैं। आज भी लोगों के पास पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं, बाकी तो छोड़ दो। लेकिन फिर भी वे इस बात पर सहमति जरूरत जताते हैं वोट डालना ही चाहिए।

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खंडेला विधानसभा क्षेत्र के रींगस निवासी मानसिंह कहते हैं मैं वोट डालने के बाद ही ऑफिस जाऊंगा क्योंकि अपनी मनपसंद उम्मीदवार को चुनने में अभी चूक गए तो फिर पांच साल तक इंतजार करना होगा। ...और मैं यह इंतजार करने के पक्ष में बिलकुल भी नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मैं तो वोट डालने जाऊंगा ही साथ यह भी सुनिश्चित करूंगा कि मेरे परिजन और पड़ोसी भी बूथ तक पहुंचे और उनकी अंगुली में भी स्याही का निशान हो।

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