पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी इलाके में विकिरण का स्तर शुक्रवार को सामान्य हो गया। रेडियोधर्मी पदार्थ कोबाल्ट-60 से निकलने वाली विकिरण के संपर्क में आने से पाँच लोगों के झुलस जाने की घटना के एक दिन बाद विकिरण का स्तर सामान्य हुआ है।
परमाणु उर्जा विभाग के वैज्ञानिकों ने दो दिनों तक मायापुरी स्क्रैपयार्ड को छान मारा और आज दोपहर से पहले तक कुछ रेडियोधर्मी पदार्थों के टुकड़े हटाए और उन्हें कंटेनर में डालकर सील कर दिया।
डीएई के जन जागरुकता संभाग के प्रमुख एस के मल्होत्रा ने कहा कि विकिरण का स्तर सामान्य हो गया है और सड़कों को खोल दिया गया है। लोगों को उसके संपर्क में आने से रोकने के लिए सड़क को बंद कर दिया गया था। हालात नियंत्रण में है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य बीबी भट्टाचार्य और बार्क के पूर्व निदेशक ने कहा कि विकिरण बेहद शक्तिशाली स्रोत से निकल रहा था क्योंकि अपोलो अस्पताल में भर्ती कबाड़ कारोबारी दीपक जैन की हालत गंभीर है।
अपोलो अस्पताल की ओर से जारी एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि दीपक की अस्थिमज्जा दब गई है और हालत गंभीर बनी हुई है। वह आईसीयू में है और चिकित्सकों का एक दल उसकी प्रगति की निगरानी कर रहा है।
विकिरण के फैलने की खबर आने के बाद कल रात इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। एक रहस्यमय चमकदार वस्तु के संपर्क में आने के बाद पाँच लोग बीमार पड़ गए थे। बाद में उस वस्तु की पहचान कोबाल्ट-60 के तौर पर की गई थी।
मल्होत्रा ने कहा कि रेडियोधर्मी पदार्थ को एक कंटेनर में रखकर इलाके से हटा दिया गया है। समूचे इलाके में विकिरण के निकलने का स्तर कम होकर सामान्य स्तर पर आ गया है। कोबाल्ट-60 एक कठोर चमकीला धातु होता है। कोबाल्ट आधारित रंगों का प्राचीन काल से इस्तेमाल किया जाता रहा है।
इस तरह के स्रोतों का इस्तेमाल कैंसर मरीजों के इलाज में रेडियोथेरेपी में किया जाता है।
डीएई के आपदा प्रबंधन समूह और परमाणु उर्जा नियामक बोर्ड के वैज्ञानिकों ने पोर्टेबल स्पेक्ट्रोमीटर का इस्तेमाल कर विकिरण के स्रोत की पहचान की।
मल्होत्रा ने कहा कि विशेषज्ञों ने विकिरण निगरानी एवं जाँच उपकरण का इस्तेमाल रेडियोधर्मी पदार्थ की पहचान और बरामदगी तथा उनके सुरक्षित निस्तारण के लिए किया।
विशेषज्ञों ने कबाड़ दुकान और आस-पास के इलाकों की गत सात अप्रैल को घटना के बारे में सूचना मिलने के तुरंत बाद तलाशी ली।
घबराने की जरूरत नहीं : दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शहर के पाँच लोगों के विकिरण की चपेट में आने के बाद शुक्रवार रात लोगों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी प्रयास किए जाएँगे।
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों के दल ने क्षेत्र का मुआयना किया है तथा मुझे उम्मीद है कि वे उपाय सुझाएँगे ताकि इस तरह की घटनाएँ फिर न हों। (भाषा)