दारूल उलूम देवबंद के उलेमाओं ने आशंका व्यक्त की है कि समलैंगिकता को कानूनी मान्यता मिलने से तलाक के मामलों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
दारूल उलूम देवबंद के फतवा विभाग के मुफ्ती जैनुल इस्लाम ने बताया कि समलैंगिकता को इस्लाम में हराम और गैरकानूनी बताया गया है।
मुफ्ती जैनुल ने आशंका व्यक्त की कि समलैंगिकता को मान्यता मिलने से पति-पत्नी के संबंधों में दरार पड़ सकती है। मुफ्ती इमरान ने भी समलैंगिकता का विरोध करते हुए कहा कि इसे जानवर भी पसंद नहीं करते।