कमल शर्मा भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता सप्ताह तगड़ी मंदी का रहा, जिसमें बीएसई सेंसेक्स 1795 अंक लुढ़का। लगातार तेजी पर सवार भारतीय शेयर बाजार अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों में घट रही घटनाओं को नजरअंदाज कर रहा था, लेकिन जब अमेरिकी सबप्राइम के वास्तविक नतीजे दिखने लगे तो भारतीय शेयर बाजार भी ढेर हो गया।
सिटीग्रुप, यूबीएस और मेरिल लिंच की बिगड़ी आर्थिक स्थिति ने अधिकतर विदेशी संस्थागत निवेशकों को अमेरिका में हुए घाटे को पूरा करने के लिए यहाँ बिकवाल बनने पर मजबूर कर दिया।
आज 21 जनवरी से शुरू हो रहे नए सप्ताह में भी शेयर बाजार में बढ़त की बड़ी उम्मीद कम ही रखनी चाहिए, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार में सस्ते में लिए गए शेयर अब बेचकर अपने घाटे को पूरा करना जारी रखेंगे।
पिछले सप्ताह विदेशी निवेशक हर रोज दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर नकद बाजार में बेच रहे थे। हालाँकि यह तय है कि शेयर बाजार में जो रिटर्न भारत और चीन में मिल रहा है, उसे देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशक यहाँ से नहीं जाएँगे। अपने घाटे की काफी पूर्ति करने के बाद वे एशिया के इन्हीं दो शेयर बाजारों में पैसा लगाएँगे।
रिलायंस पावर के आईपीओ को बाजार में तगड़ी गिरावट के बावजूद जो सफलता हाथ लगी है, उससे भी दुनियाभर के निवेशक यहाँ बने रहना पसंद करेंगे। इस आईपीओ की सफलता यह बताती है कि भारतीय शेयर बाजार लंबी अवधि में बेहतर रहेंगे।
शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति में वेल्यू इन्वेस्टिंग का सिद्धांत उपयोगी रहता है। शेयर बाजार में आई तगड़ी तेजी में निवेशकों ने बेहतर लाभांश देने वाली कंपनियों के शेयरों को नजरअंदाज कर दिया था, लेकिन वेल्यू इन्वेस्टिंग के परंपरागत सिद्धांत को छोड़ना भारी मंदी के समय भारी पड़ता है।
शेयर बाजार में मंदी के समय बेहतर लाभांश देने वाली कंपनियों में निवेश करने से नुकसान कम होता है। ऐसे में शेयरों में होने वाले नुकसान की पूर्ति उच्च लाभांश से हो जाती है। साथ ही मंदी के माहौल में इन शेयरों में आकर्षण रहता है। आमतौर पर सात फीसदी से अधिक यील्ड अच्छी कही जाती है, जबकि इस समय इतने ऊँचे यील्ड वाले शेयर काफी कम हैं। यील्ड जानने का सरला फार्मूला : मसलन कंपनी हर साल दस फीसदी लाभांश देती है और उसके शेयर का भाव सौ रुपए है तो इसकी डिविडेंट यील्ड दस फीसदी होगी।
आज से शुरू हो रहे नए सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स 19583 अंक को पार करता है तो यह 19877 अंक तक जा सकता है। इसे नीचे में 18534 अंक पर सपोर्ट मिलने की संभावना है। निफ्टी को 5534 अंक पर सपोर्ट मिलने के आसार हैं। निफ्टी 5876 अंक पार करने पर 5967 अंक तक जा सकता है।
कोटक एएससी के अलरॉय लोबो का कहना है कि शेयर बाजार में करेक्शन अभी पूरा नहीं हुआ है। बीएसई सेंसेक्स को सपोर्ट 18 हजार के आसपास मिलेगा, जबकि एम्बिट कैपिटल के नीलेश शाह का कहना है कि यह शार्ट टर्म गिरावट है। भारतीय बाजार 21 हजार पर कुछ एक्सपेंसिव लग रहा था। 18 हजार पर यह निवेश के लिए आकर्षक है। ड्यूश एएमसी के सीईओ विजय मंत्री की राय में शेयर बाजार तेजी से ऊपर चढ़ेगा। मौजूदा स्तर पर शेयरों के भाव आकर्षक हैं और हर गिरावट को खरीद का मौका समझना चाहिए।
इस सप्ताह अनेक कंपनियाँ अपने अक्टूबर से दिसंबर 2007 की तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंजीनियर्स इंडिया, बिहार कॉस्टिक, जिंदल स्टेनलैस स्टील, टाटा टेली सर्विसेज, कोटक बैंक, नैवेली लिग्नाइट, होंडा सिएल पावर, भारत अर्थ मूवर्स, टीवीएस मोटर, अशोक लेलैंड, रिलायंस इंडस्ट्रीयल इंफ्रा, एडलवेइस कैपिटल, सेंचुरी टेक्सटाइल, श्री रेणुका शुगर्स, स्वराज इंजिन, हिंदुस्तान जिंक, सेसा गोवा, तमिलनाडु न्यूज प्रिंट, रिलायंस कैपिटल, बल्लारपुर इंडस्ट्रीज, इंडिया बुल्स रियाल्टी, झंडु फार्मा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, नेल्को, इंडिया इन्फोलाइन और लुपिन मुख्य हैं।
जिन कंपनियों के शेयरों पर इस सप्ताह निवेशक ध्यान दे सकते हैं वे हैं : बालमेर लारी, कामत होटल, देना बैंक, जेके सीमेंट, एआईए इंजीनियरिंग, क्युमिंस इंडिया, फोस्को इंडिया, जीआईसी हाउसिंग, वरुण शीपिंग, एनटीपीसी, एसबीआई, इंजीनियर्स इंडिया और पेन्निसुला लैंड।