भारतीय टेनिस खिलाडी सानिया मिर्जा को दुबई ओपन टेनिस टूर्नामेंट में वाइल्ड कार्ड एंट्री दी गई है। सानिया ने वर्ष 2005 में विश्व की सात नंबर की खिलाडी रूस की स्वेतलाना कुज्नेत्सोवा को हराकर यहाँ खिताब जीता था। यह उनकी बेहतरीन जीतों में से एक है। घुटने की चोट के कारण वह गत वर्ष यहाँ बार्कले दुबई टेनिस चैंपियनशिप में भाग नहीं ले पाई थी।
समाचार-पत्र 'गल्फ न्यूज' ने सानिया के हवाले से कहा कि वर्ष 2007 मेरे लिए मिला जुला रहा। सर्जरी के बाद वापसी करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन मैं सौभाग्यशाली रही जो वापसी कर सकी। अमेरिका में मेरे लिए ये गर्मिया अच्छी रहीं और वहाँ मैंने अच्छा प्रदर्शन किया।
अंतत: मेरे लिए यह बुरा साल नहीं रहा। मेरे लिए यह वर्ष अच्छा रहा। 21 वर्षीय हैदराबादी बाला ने कहा कि समय के साथ चीजों में बदलाव आया है और सालभर मीडिया की सुर्खियों में रहने के कारण एक खिलाडी के तौर पर वह और परिपक्व हुई हैं1
उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा है। एक व्यक्ति और टेनिस खिलाडी के तौर पर मैं और परिपक्व हो गई हूँ। शुरुआत में यह मुश्किल था। आप इस चीज को लेकर बहुत संजीदा रहते हैं कि लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे, लेकिन एक समय ऐसा आता है जब आप कैमरों से घिरे रहते हैं और आपको इन चीजों से कोई फर्क नहीं पडता है। मैं बिल्कुल सामान्य होकर बात करती हूँ। यह इसलिए नहीं कि मैं इसकी आदी हो गई हूँ, लेकिन इसके अलावा मेरे पास कोई और चारा नहीं है।
दुबई ओपन टेनिस टूर्नामेंट में खिताब पाने के लिए सानिया को जस्टिन हेनिन, मारिया शारापोआ, नादिया पेत्रोवा, येलेना जांकोविच और एमेली मोरेस्मो जैसी दिग्गज खिलाडियों से भिड़ना होगा।