3 अरुणाचल महिला खिलाड़ियों से संपर्क नहीं होने से परिवार वाले चिंतित, चीन की हो रही चौतरफा आलोचना
शनिवार, 23 सितम्बर 2023 (13:16 IST)
Asian Games एशियाई खेलों के लिए चीन का वीजा नहीं मिलने के बाद से Wushu वुशु खिलाड़ी मेपुंग लामगू से अरूणाचल प्रदेश में उनके परिवार वाले संपर्क नहीं कर पा रहे हैं जिससे वे काफी चिंतित हो गये हैं कि कहीं उसने अपने साथ कुछ कर नहीं लिया हो।अरूणाचल प्रदेश की तीन वुशु खिलाड़ियों को हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए चीन की यात्रा का वीजा नहीं मिला था जिसमें यह 20 वर्षीय मेपुंग लामगू भी शामिल थीं।
गुरुवार को वीजा नहीं मिलने की खबर आयी तो ईटानगर में पेशे से डाक्टर उनके भाई गांधी लामगू ने जब उनसे अंतिम बार बात की थी तो वह लगातार रोये जा रह थीं। लेकिन इसके बाद से उनका इस खिलाड़ी से संपर्क नहीं हुआ है।गांधी ने ईटानगर से PTI से कहा, अब वह हमारा फोन भी नहीं उठा रही है और यह स्विच ऑफ आ रहा है। हम उसके बारे में काफी चिंतित हैं कि कहीं वह रो रो कर कुछ कर ना ले।
गांधी लामगू ने अपने माता-पिता को भी यह बात नहीं बतायी है क्योंकि वे भी घर पर चिंतित हो जायेंगे जो ईटानगर से करीब 200 किमी दूर गांव सेप्पा में रहते हैं।उन्होंने कहा, मैं भी अपने करियर के मुश्किल पड़ाव में हूं क्योंकि मैं छुट्टी नहीं ले सकता हूं और आर्थिक रूप से भी इतना सक्षम नहीं हूं। इसलिये पापा को चिंता होगी और मैंने उन्हें यह सब नहीं बताया है। वहां फोन नेटवर्क कवरेज भी खराब है। मैं उन्हें भावनात्मक रूप से परेशान नहीं करना चाहता हूं।
OCA ने अरुणाचल के वुशु खिलाड़ियों को एक्रिडिटेशन नहीं देने का मुद्दा चीन के समक्ष उठाया
एशियाई ओलंपिक परिषद (OCA) के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वे एशियाई खेलों में भाग लेने वाले भारतीयों में शामिल अरुणाचल प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को एक्रिडिटेशन देने से इनकार करने के मुद्दे पर चीन के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश की तीन महिला वुशु खिलाड़ियों न्येमान वांग्सू, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु को शनिवार से यहां आधिकारिक तौर पर शुरू हो रहे एशियाई खेलों के लिए एक्रिडिटेशन (मान्यता) देने से इनकार कर दिया गया है जो खिलाड़ियों के लिए वीजा के रूप में भी काम करता है।
इन तीनों खिलाड़ियों को वुशु दल के आठ अन्य सदस्यों के साथ शुक्रवार रात को भारत से उड़ान भरनी थी लेकिन उनका एक्रिडिटेशन डाउनलोड नहीं हो पाया जिससे उन्हें रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा।अनुभवी प्रशासक रणधीर ने यहां पत्रकार सम्मेलन में कहा, हमने कल कार्य समूह के साथ भी बैठक की थी और इसे कार्य समूह की बैठक में उठाया गया है। वे इसे सरकार के समक्ष उठा रहे हैं और हम भी इसे सरकार के समक्ष उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, इस पर हम भी चर्चा कर रहे हैं। हमारी बातचीत सरकार की बातचीत से अलग है। हम ओसीए की ओर से इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है लेकिन पूर्वोत्तर क्षेत्र के इस राज्य को चीन अपने क्षेत्र के रूप में देखता है।वुशु एक मार्शल आर्ट से जुड़ा खेल है और ऐसी मान्यता है कि इसकी शुरूआत चीन में हुई थी।
ओसीए के कार्यवाहक महानिदेशक विनोद तिवारी ने कहा, यह कल हमारे संज्ञान में लाया गया और हम इस मामले पर आयोजन समिति के साथ बात कर रहे हैं और एक समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं। हम आपको इसके बारे में सूचित करेंगे। हम अभी इस पर विचार कर रहे हैं।
ओसीए की आचार समिति के अध्यक्ष वेई जिजहोंग ने हालांकि दावा किया, भारतीय खिलाड़ियों को चीन में प्रवेश के लिए वीजा दे दिया गया है।
उन्होंने कहा, इन भारतीय खिलाड़ियों को चीन में प्रवेश करने के लिए पहले ही वीजा मिल चुका है। चीन ने किसी भी वीजा से इनकार नहीं किया है। चीन सरकार के नियमों के अनुसार हमारे पास उन्हें विभिन्न प्रकार के वीजा देने का अधिकार है। हम आगमन वीजा है, पेपर वीजा और पासपोर्ट वीजा करते हैं।
उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से इन खिलाड़ियों ने यह वीजा स्वीकार नहीं किया। मुझे नहीं लगता कि यह ओसीए की समस्या है क्योंकि चीन के पास एक समझौता है कि वह प्रमाणित योग्यता रखने वाले खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा के लिए चीन आने दे। यह काफी स्पष्ट है। हमारी ओर से वीजा पहले ही जारी हो चुका है।
भारत सरकार ने भी इस मुद्दे पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि नयी दिल्ली अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार रखता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन के भेदभावपूर्ण व्यवहार के खिलाफ भारत के विरोध को दर्शाने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इन खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।
बागची ने चीन की कार्रवाई को पूर्व-निर्धारित तरीके से खिलाड़ियों को निशाना बनाने वाला बताते हुए कहा कि यह कदम एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों का उल्लंघन है और यह सदस्य देशों के खिलाड़ियों के खिलाफ स्पष्ट रूप से भेदभाव दर्शाता है।
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव किया है। इस साल जुलाई में, भारत को विश्व विश्वविद्यालय खेलों के लिए अपनी वुशु टीम की चेंग्दू यात्रा रद्द कर दी थी। उस समय चीन ने खिलाड़ियों को नत्थी वीजा जारी किया था, जिस पर सरकार ने नाराजगी जताई थी।
किरेन रीजीजू ने चीन की कार्रवाई की निंदा की
अरुणाचल प्रदेश से सांसद किरेन रीजीजू ने चीन की कार्रवाई की निंदा की।उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, मैं अरुणाचल प्रदेश के हमारे वुशु खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार करने के चीन के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। ये खिलाड़ी हांगझोउ में 19वें एशियाई खेलों में भाग लेने वाले थे।
I strongly condemn this act by China to deny visas to our Wushu Athletes from Arunachal Pradesh who were to participate in the 19th Asian Games in Hangzhou. This violates both the spirit of Sports & also the Rules governing the conduct of Asian Games, which explicitly prohibits…
उन्होंने ने कहा, यह खेल भावना और एशियाई खेलों के संचालन के नियमों का उल्लंघन करता है। यह साफ तौर पर सदस्य देशों के खिलाड़ियों के खिलाफ भेदभाव को दिखाता है।
उन्होंने कहा, अरुणाचल प्रदेश कोई विवादित क्षेत्र नहीं है, बल्कि भारत का अभिन्न हिस्सा है। अरुणाचल प्रदेश के पूरे लोग अपनी भूमि और स्थानीय निवासियों पर चीन के किसी भी अवैध दावे का दृढ़ता से विरोध करते हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को चीन की नाजायज कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए।(भाषा)