गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 2 अक्टूबर 2012 को हुई। औपचारिक रूप से पार्टी की शुरुआत 26 नवंबर 2012 को हुई। अन्ना के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव, शाजिया इल्मी और आनंद कुमार जैसे लोग इसके संस्थापकों में शामिल थे।
अपनी स्थापना के एक साल के भीतर पार्टी ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और 28 सीटों पर जीत दर्ज की। 70 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत से दूर रही आप ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई, लेकिन यह सरकार करीब 49 दिन ही चल पाई।
दिल्लीवासियों को 2015 में एक बार फिर चुनाव का सामना करना पड़ा और इस बार केजरीवाल नीत आप ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 67 सीटों पर जीत दर्ज की। इस चुनाव में केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा सिर्फ 3 सीटें जीत सकी, जबकि कांग्रेस का तो यहां खाता भी नहीं खुल पाया।
लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी ने 434 उम्मीदवार मैदान में उतारे। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी पहुंच गए। दिल्ली में पार्टी का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया। पंजाब में जरूर आप के 4 उम्मीदवार जीतने में सफल रहे थे। देशभर में आप को लोकसभा चुनाव में 2 फीसदी वोट मिले। दूसरी ओर ज्यादातर उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।