हिमाचल में प्रतिभा सिंह के 'हाथ' से कैसे फिसल गई CM की कुर्सी?

रविवार, 11 दिसंबर 2022 (00:47 IST)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्‍यमंत्री पद के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सबसे आगे चल रहा था, लेकिन ऐन मौके पर उनका नाम मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो गया। चौथी बार नादौन से विधायक बने सुखविंदर सिंह सुक्खू की किस्मत खुल गई और मुख्‍यमंत्री पद के लिए उनके नाम का ऐलान हो गया। 
ALSO READ: सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे हिमाचल के नए मुख्‍यमंत्री, अग्निहोत्री डिप्टी सीएम
हालांकि यह पहले से ही माना जा रहा था कि हिमाचल प्रदेश का मुख्‍यमंत्री राजपूत समुदाय से ही होगा। राज्य में शांता कुमार ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जो गैर राजपूत मुख्यमंत्री बने थे। शांता कुमार ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। राज्य में दूसरी सबसे बड़ी आबादी ब्राह्मणों की है।
ALSO READ: Himachal Pradesh : सुखविंदर ने राज्‍यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया
ऐसे में यह माना जा रहा था कि प्रतिभा सिंह राज्य की अगली मुख्‍यमंत्री हो सकती हैं क्योंकि उन्होंने भाजपा के सत्ता में रहते हुए न सिर्फ मंडी लोकसभा सीट जीती थी, बल्कि विधानसभा उपचुनावों में भी कांग्रेस ने भाजपा को मात दी थी। उपचुनाव परिणामों से भी लगने लगा था कि राज्य में इस बार सत्ता परिवर्तन तय है। 
ALSO READ: ड्राइवर के बेटे सुखविंदर के हाथ में हिमाचल प्रदेश की स्टेयरिंग
बताया जा रहा है कि प्रतिभा सिंह मुख्‍यमंत्री पद की रेस से बाहर होने का सबसे बड़ा कारण उनका विधायक न होना रहा। यदि उन्हें मुख्‍यमंत्री बनाया जाता तो दो उनके लिए एक विधानसभा सीट खाली करवानी पड़ती साथ ही मंडी में फिर लोकसभा उपचुनाव का पार्टी को सामना करना पड़ता। ऐसे में पार्टी 2 चुनाव लड़ने की रिस्क नहीं उठाना चाहती थी। 
 
सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम की घोषणा के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों से बचते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि वे हाईकमान के फैसले का सम्मान करती हैं। हालांकि उनके चेहरे पर मुख्‍यमंत्री नहीं बनाए जाने का मलाल साफ पढ़ा जा सकता था। यह भी कहा जा रहा है कि प्रतिभा सिंह को साधने के लिए पार्टी उनके विधायक बेटे विक्रमादित्य सिंह को सरकार में सम्मानजनक पद दे सकती है। 
 
यह भी सही है कि कांग्रेस ने मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाकर राज्य के ब्राह्मण समुदाय को भी साध लिया है, लेकिन यदि प्रतिभा सिंह की नाराजगी दूर नहीं की गई तो कांग्रेस को इसका भविष्य में बड़ा नुकसान हो सकता है। वैसे भी राज्य में हर 5 साल में सत्ता बदलने की परंपरा है। 
Edited by : Vrijendra Singh Jhala

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी