कर्क राशिवालों के लिए कैसा रहेगा 2014

- आचार्य डॉ. संजय

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वार्षिक भविष्यफल 2014 : कैसा रहेगा कर्क राशिवालों के लिए 2014


कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है इसलिए इस राशि के जातक बेहद संवेदनशील और जिज्ञासु होते हैं। परिवार और बच्चों के साथ बहुत लगाव होता है। सफेद वस्तुओं और जल तत्व से जुडे व्यापार या नौकरी में लाभ होता है।



परिवार : पारिवारिक मामलों के लिए यह वर्ष अधिक अनुकूल नहीं है। वर्ष के प्रथम भाग में कुछ विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रतिरोधात्मक शक्ति विकसित करें और आत्मनिर्भर बनें। वर्ष के दूसरे भाग में सभी परेशानियां कम होने लगेंगी।


स्वास्थ्य : स्वास्थ्य के लिहाज से यह वर्ष अधिक अनुकूल नहीं है। आर्थिक स्थिति को लेकर या किसी परेशानी के कारण दिमागी तनाव हो सकता है। खान-पान पर संयम रखें अन्यथा उदर विकार होने की सम्भावना है। बेवजह यात्राएं करना भी ठीक नहीं होगा। जोखिम उठाने वाली प्रवृतियों पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।


प्रेम- दांपत्य : वर्ष के प्रथम भाग में प्रेम संबंधों में दरार आ सकती है। प्रियजन का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। लेकिन वर्ष का दूसरा भाग प्रेम प्रसंगों के लिए अनुकूलता लिए रहेगा। प्रेम के अलावा सगाई के भी योग निर्मित हो रहे हैं। जीवन साथी के साथ भ्रमण का अवसर मिलेगा। दूर देश स्थित किसी व्यक्ति से भी लगाव हो सकता है। नए जुड़ रहें प्रेम सम्बन्ध आपकी स्थिति परिस्थिति से ऊंचे दर्जे के हो सकते हैं।


कार्यक्षेत्र-रोजगार : वर्ष के पहले भाग में कार्यों में अड़चने आ सकती हैं। शनि और राहु का गोचर अनुकूल न होने से कुछ काम बिगड़ भी सकते हैं। किसी भी व्यवसायिक यात्रा को करने से पहले भली-भांति जांच कर लें कि वह यात्रा लाभकारी है या नहीं। वर्ष के दूसरे भाग में स्थितियां बेहतर होने होने लगेंगी। नौकरीपेशा हैं तो इस वर्ष पदोन्नति मिल सकती है। सामाजिक क्षेत्र में भी प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करेंगे।


धन- संपत्ति : आर्थिक मामलों के लिए वर्ष का पहला भाग अधिक अनुकूल नहीं है। परिजन का स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण व्यय हो सकता है। लेकिन वर्ष के दूसरे भाग में आर्थिक स्थिति बेहतर होना शुरू हो होगी। यदि आपके पास कोई पुराना कर्ज है तो इस वर्ष उससे छुटकारा पाएंगे। व्यापार में अच्छा लाभ कमा सकते हैं।


विद्या : विद्यार्थियों के लिए भी यह वर्ष मिलाजुला रहेगा। जो जातक विदेश या दूर जाकर पढा़ई करना चाह रहे हैं, वर्ष का प्रथम भाग उनके लिए अधिक अनुकूल रहेगा। विद्यार्थियों को उनकी मेहनत के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पाएंगे। लेकिन वर्ष के दूसरे भाग में शिक्षा के स्तर में सुधार होना शुरू होगा। आत्मविश्वास मजबूत होगा। दर्शनशास्त्र या अन्य परम्परागत विषयों के विद्यार्थियों शुभ परिणाम मिलेंगे।

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