नए साल में राशियों के शुभ उपाय और मंत्र, पं. दीक्षित के अनुसार

मेष राशि- इस वर्ष अढैया शनि का प्रभाव रहेगा अत: शनि के उपाय आवश्यक हैं। हनुमानजी की आराधना, लाल रंग के वस्त्र धारण, चंदन का तिलक लगाना, मंगलवार का व्रत तथा कोढ़ी व्यक्ति को मंगलवार को भोजन कराने से कष्ट कम होंगे। यदि कर्ज अधिक हो तो गणेशार्चन करें, लाभ होगा।
पुखराज, मोती, मूंगा ज्योतिषीय सलाह से धारण करें। लाल, पीला, सिन्दूरी, नारंगी  रंग का उपयोग करें। कोई भी वस्तु मुफ्त में न लें। मद्यपान से परहेज करें। घर में गुलाब के पौधे लगाएं। 
 
मंत्र- ॐ अं अंगारकाय नम:। सुख-शांति
ॐ शं शनैश्चराय नम:। बाधा दूर
ॐ ऐं क्लीं सौ:।। धन प्राप्ति के लिए करें। क्रोध पर नियंत्रण रखें।
वृषभ राशि- यह राशि भी अढैया शनि से प्रभावित रहेगी। शनि के उपाय आवश्यक हैं। गाय को हरा चारा खिलाएं 60 दिन लगातार। शनिवार को व्रत, हनुमानजी की उपासना, पीपल में मीठा जल चढ़ाना तथा तेल का दीपक लगाना। शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण तथा व्रत। मां लक्ष्मी की आराधना, घर में भगवान को गौघृत का दीपक लगाना, शनिवार को सरसों का तेल दान, चींटियों को आटा-शकर चुगाना, व्यसनों से परहेज, किसी अंधे व्यक्ति की सेवा तथा घर से निकलते समय कुछ मीठा खाएं। कष्ट कम करेगा। सफेद क्रीम रंग के वस्त्र पहनें तथा निम्न मंत्र जाप करें।
 
1. ॐ शुं शुक्राय नम:। सुख-शांति के लिए
2. ॐ शं शनैश्चराय नम:। बाधा निवारण
3. ॐ ऐं क्लीं श्रीं।। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जप करें तथा शराब से परहेज करें।
मिथुन राशि- इस राशि के जातक हरे वस्त्रों का प्रयोग करें। दक्षिणावर्ती शंख का पूजन करें तथा गाय को रोटी दें। गणेशजी (पन्ना के गणेश) का पूजन करें। अधिक समस्या होने पर 60 दिन गायों की हरे घास खिलाकर पूजन करें। घर में गौमूत्र छिड़कें। देवी साधना करें। कुबेर व लक्ष्मीजी की साधना अनुष्ठान ऐश्वर्य वृद्धि करेगा। हरे रंग की कांच की बोतल में गंजाजल भरकर दक्षिणा सहित दान करें। सफेद व हरे हल्के वस्त्र पहनें। काला, कत्थई से परहेज रखें। पन्ना, हीरा तथा नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। 
 
मंत्र- ॐ बुं बुधाय नम:। सुख-शांति के लिए।
ॐ गं गणपतये नम:। बाधा दूर करने के लिए।
ॐ क्लीं ऐं सौं:। धन प्राप्ति के लिए प्रयोग कर सकते हैं। कुसंगति से बचें। व्यसनों से दूर रहें। स्वार्थी तत्व हानि पहुंचा सकते हैं।
 
 

कर्क राशि- सूर्य को स्टील के लोटे से दूध मिलाकर जल में अर्घ्य दें। सफेद, क्रीम रंग का प्रयोग अधिक करें। पूर्णिमा को व्रत रखकर चन्द्रमा को दूध से अर्घ्य दें। शिव-पार्वती, अर्द्धनारीश्वर, सोमेश्वर का अर्चन करें। हर सोमवार रुद्राभिषेक करें। माता, बहनन, मौसी आदि स्त्रियों की आज्ञा मानें व आशीर्वाद लें तथा सेवा करें। किसी भी कन्या के विवाह में मदद करें। कन्यादान करें। दूध का सेवन करें। सफेद व क्रीम रंग के कपड़ों को धारण करें या एक रूमाल अपने पास रखें। काला, लाल रंग अशुभ है, उससे बचें।
मंत्र- ॐ चं चन्द्रमसे नम: का या ॐ सों सोमाय नम: का जप करें। सुख-शांति रहेगी।
ॐ ऐं क्लीं श्रीं लक्ष्मी के लिए जपें। अपरिचितों पर विश्वास न करें। एकाग्रता आवश्यक है। भटकाव रोकें।
सिंह राशि- सूर्य को कंकू तथा लाल पुष्प मिलाकर जल से अर्घ्य दें। सूर्योदय के 15 मिनट तक ही लाभकारी रहेगा। कुत्तों को तेल चुपड़कर रोटी दें। घर में इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, लोहे के अटाले को तत्काल हटाएं। देशी गाय को हरा चारा नित्य खिलाएं। घर में लाल, गुलाबी, सिन्दूरी रंग अधिक वापरें। रविवार को लाल सांड को गुड़ खिलाएं। माणिक्य, रक्त मीठा धारण करें। यदि सूर्य सोने या तांबे का बनवाकर उसके बीच में लगवा लें तो अधिक लाभ होगा। शिव आराधना, रामरक्षा स्तोत्र, सूर्य साधना, गायत्री मंत्र आदि का पाठ-पूजन करें तो लाभ होगा। बड़ों का आशीर्वाद लें तथा दिल न दुखाएं। 
 
मंत्र- ॐ ह्रीं सूर्याय नम:। सुख-शांति के लिए।
ॐ शं शनैश्चराय नम:। बाधा दूर करने के लिए। 
ॐ ह्रीं श्रीं सौं:।। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जपें। स्वभाव में नम्रता आवश्यक है। मद्यपान नहीं करें।
कन्या राशि- श्वेतार्क गणेशजी का पूजन तथा उच्‍छिष्ट गणेश के मंत्रों का प्रयोग करें। हरे रंग का घर में अधिक प्रयोग करें। हरी कांच की शीशी को धूप में पानी से भरकर रखें। नहाने तथा पीने के लिए प्रयोग करें। घर में नमक, गौमूत्र तथा फिटकरी के पानी से पोंछा लगाएं। शिवजी को दूध चढ़ाएं। एक नारियल लाल कपड़े में बांधकर अपनी पैसा रखने वाली जगह रखें। बुधवार को गणेशजी को मोदक चढ़ाएं। गाय को हरा चारा खिलाएं। पन्ना या ऑनेक्स धारण करें। विष्णु भगवान की आराधना करें। हरा, फिरोजी तथा हल्के पीले रंग के कपड़े पहनें। 
 
मंत्र- 'ॐ बुं बुधाय नम:'। सुख-शांति के लिए।
'ॐ शं शनैश्चराय नम:'। बाधा दूर करने के लिए तथा लक्ष्मी प्राप्ति के लिए 'ॐ ऐं श्रीं सौं:' जपें। 
दूसरों के सामने अपना पक्ष खुलकर रखें ताकि लोग आपकी बात समझें। लेन-देन में सतर्कता रखें।
 

तुला राशि- लक्ष्मीजी को गौघृत का दीपक नित्य लगाएं। घर में मनीप्लांट का पौधा लगाएं। ध्यान रखें कि कोई शाखा नीचे नहीं लटके। गाय को हरा चारा खिलाएं। घर से निकलते समय कुछ मीठा खाकर निकलें। महालक्ष्मीजी के मंदिर में 7 शुक्रवार खीर का प्रसाद वितरण करें। सफेद रंग का प्रयोग घर में अधिक करें। हीरा या जरकन या ओपेल धारण करें। सूखे वृक्ष-पौधे, पुष्प-माला आदि घर में बिलकुल न रखें। गणेशजी एवं कुबेरजी की साधना करें। हल्का आसमानी, हल्का गुलाबी, हल्का हरा तथा सफेद वस्त्रों को धारण करें। स्फटिक शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। 
 
मंत्र- 'ॐ शुं शुक्राय नम:'। सुख-शांति के लिए।
'ॐ शं शनैश्चराय नम:'। बाधा दूर करने के लिए।
ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए करें।
 
बड़ों की आज्ञापालन करें। कुसंगति से बचें। अपरिचितों पर विश्वास न करें।
वृश्चिक राशि- हनुमान चालीसा तथा बजरंग बाण के पाठ नित्य करें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। श्मशान का जल लाकर पीपल में नित्य लगाएं तथा 11 परिक्रमा करें। केले के 2 पौधे लाकर उनकी सेवा नित्य करें। लाल तथा सफेद रंग का प्रयोग घर में करें।
 
मूंगा त्रिकोण सोने या तांबे में धारण करें। गरीबों को मीठी रोटी खिलाएं। मंगलवार। लाल, गुलाबी, सिन्दूरी वस्त्रों का प्रयोग करें। शनिवार तथा मंगलवार व्रत करें। सरसों के तेल का दान शनिवार को करें। बंदरों को गुड़-चना खिलाएं। निम्न मंत्रों का जप करें।
 
'ॐ अं अंगारकाय नम:'। सुख-शांति के लिए।
'ॐ शं शनैश्चराय नम:'। बाधा दूर करने के लिए।
ॐ ॐ ऐं क्लीं सौं। धन प्राप्ति के लिए।
 
क्रोध पर नियंत्रण आवश्यक है। मद्यपान से बचें। मंगलवार व शनिवार को तामसिक भोजन करें।
धनु राशि- पीले चंदन का टीका हमेशा लगाएं। सोमवार को केशर मिश्रित दूध से रुद्राभिषेक एवं धतूरा चढ़ाएं। माता लक्ष्‍मी को लाल गुंजा चढ़ाकर उन्हें वापस उठाकर लाल वस्त्र से बांधकर तिजोरी में रखें। पीले वस्त्र रंगों का प्रयोग घर में करने से सुख-शांति रहेगी। पीपल में जल चढ़ाएं। गूलर तथा वटवृक्ष की सेवा करें। पीला पुखराज या सुनैला धारण करें। घोड़े को पीली चने की दाल फुलाकर खिलाएं। शनिवार व्रत तथा हनुमान चालीसा तथा शनि चालीसा के पाठ करें। शनिवार को लोहा, सरसों का तेल दान करें। तामसिक भोजन व व्यसनों से बचें।
 
मंत्र- 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:'। सुख-शांति के लिए।
'ॐ शं शनैश्चराय नम:'। बाधा निवारण के लिए।
ॐ ह्रीं क्लीं सौं:। धन प्राप्ति के लिए करें।
 
बड़ों का आदर करें, आशीर्वाद लें। यदि गुरु न मिलें हों तो 'ॐ गुं गुरुभ्यों नम:' का जप करें।
 

मकर राशि- केले के पौधे को रोज पानी डालें तथा घी का दीपक लगाएं। घर में नीले-स्लेटी रंग का प्रयोग करें। सफेद आक का पौधा घर में लगाकर उसकी सेवा करें। छोटी मिट्टी की हंडिया में शहद भरकर श्मशान में रखें। पीपल की छोटी सूखी हुई लकड़ी की कील दरवाजे के बीच में ठोंक दें जमीन पर। शनिवार को जूता-छतरी दान करें। भैरव मंदिर में शनिवार-रविवार को तेल का दीपक लगाकर भैरव के 108 नाम का स्तोत्र पाठ करें। शनिवार का व्रत एवं शनि चालीसा का पाठ करें। बंदरों की सेवा करें। नीले, आसमानी, स्लेटी रंग के वस्त्र पहनें। मद्यपान नहीं करें। नीलम धारण करें। इसके अभाव में लाजावर्त धारण करें। 
मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' का जप करें।
'ॐ ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौं:'। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जपें। 
 
बुजुर्गों की सेवा करें। किसी मजार पर गुरुवार को गुलाब का फूल संध्या के उपरांत चढ़ाते रहें।
कुंभ राशि- नीले स्लेटी के रंग का घर में प्रयोग करें। गाय को नित्य रोटी़, गुड़ व घी लगाकर खिलाएं। चंदन का टीका माथे पर नित्य लगाएं। पौधों की देखभाल करें। श्वेतार्क गणेश पूजन करें। भैरवजी के थान पर शनिवार-रविवार को इमरती चढ़ाएं तथा तेल का दीपक लगाएं। मछलियों को आटे की गोली बनाकर चुगाएं। शनिवार का व्रत करें। शिवार्चन नित्य करें। नीले, स्लेटी, आसमानी रंग के वस्त्र पहनें। शनि चालीसा के पाठ नित्य करें। नीलम तथा पन्ना धारण करें। अभाव में नीली तथा ओनेक्स धारण करें। मद्यपान न करें। वृद्धजनों की सेवा करें।
 
मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' का जप करें।
'ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं'। लक्ष्मी के लिए जपें।
 
महाकाली की सेवा से शत्रुनाश होगा। दूसरों की कोई चीज न लें और न दें। लेने पर कुछ धन जरूर दें।
मीन राशि- पीले, क्रीम, नारंगी रंग का प्रयोग घर में करें। माता दुर्गा या बगुलामुखी के यंत्र रखकर पूजन करें तथा उनके मंत्र जपें। शिवजी पर शहद तथा जल चढ़ाएं। पीले रंग के वस्त्र धारण करें। घर में मनीप्लांट की बेल लगाएं तथा ध्यान रहे कि उसकी कोई शाखा नीचे की तरफ झुकी न हो। पुखराज या सुनैला धारण करें। केसर, हल्दी का तिलक लगाएं। चांदी का एक चौकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें। झूठ न बोलें तथा मद्यपान न करें।
 
मंत्र- 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:' का जप करें।
ॐ ह्रीं क्लीं सौं:। धन प्राप्ति के लिए जपें। वृद्धजनों की सेवा करें तथा आशीर्वाद प्राप्त करें। साधुओं को भोजन कराएं। व्यसनों से दूर रहें तथा किसी भी रूप में झूठ न बोलें। 
दूसरों के सामने अपना पक्ष खुलकर रखें ताकि लोग आपकी बात समझें। लेन-देन में सतर्कता रखें।

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