* 2018 में क्या कहती है भारत की कुंडली
सूर्य के प्रभाव से इस वर्ष भारत में फल कम लगेंगे। वर्षा सामान्य रहेगी। आम जनता को कष्ट। अनाज की उत्पत्ति कम होगी। सरकार को राज करने में तकलीफ आएगी। राजनीतिक उथल-पुथल रहेगी। आतंक, चोर, पाखंडी, अपराधी एवं लुटेरों का प्रभाव अधिक दिखाई देगा। इस वर्ष महामारी का योग बन रहा है। अग्निकांड, अस्त्र-शस्त्र का खुला प्रयोग रहेगा। शिशिर ऋतु में सर्दी कम रहेगी।
शनि के प्रभाव से वर्षा कम होगी। आर्थिक समृद्धि में रुकावट आएगी, परंतु शुक्र के प्रभाव से उत्पादन अच्छा होने के योग हैं। साथ ही राज्यकोष में वृद्धि होगी तथा शासन द्वारा जनकल्याण के कार्य होंगे। बड़े मंत्री तथा प्रशासनिक अधिकारी के लिए यह वर्ष लाभदायी रहेगा। दलहन व तिलहन में तेजी रहेगी। बोया हुआ धान सड़ेगा। दुबारा बोवनी करना पड़ेगी। फूलों का उत्पादन श्रेष्ठ होगा। देश में शासन की लोकप्रियता बढ़ेगी। लोगों का नीति-धर्म के अनुकूल आचरण बढ़ेगा।
मंगल के प्रभाव से पशुओं को कष्ट रहेगा एवं फसलों को नुकसान होगा। चन्द्र के प्रभाव से पेय पदार्थ मिठाई, कपड़ा, चावल, घी, चांदी, मोती व तेल के व्यापारी को अच्छा लाभ मिलेगा अर्थात इनके भाव बढ़ेंगे। कानून-व्यवस्था में सुधार होगा। विश्व में हिंसा, संघर्ष, सैन्य-संचलन, विमान दुर्घटनाएं, राजनीतिक दलों में अंदरुनी विवाद उभरकर सामने आएंगे जिससे सरकार व आम जनता परेशान होगी। धरने व विद्रोह प्रदर्शन होंगे। गुरु के प्रभाव से जनता को सुख-शांति प्राप्त होगी। जनता शारीरिक रूप से सुखी रहेगी। ब्राह्मण व संत-विद्वानों के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा।
इस वर्ष की कुंडली को मौसम की नजर से देखें तो गर्मी की अधिकता के कारण फसलों व सब्जियों के उत्पादन में कमी आएगी। मई-जून के महीनों में गरम व तेज हवाएं चलेंगी जिससे शारीरिक पीड़ा (लू) रहेगी। यह वर्ष विज्ञान के क्षेत्र में नए आविष्कार वाला रहेगा। भारत विश्व में विज्ञान के आविष्कार व तकनीक के मामले में सराहनीय रूप से अग्रणी रहेगा व विश्व के उच्च स्थानों में जगह पाएगा।