कुंडली के सप्तम भाव से वैवाहिक जीवन को देखा जाता है। इसी भाव से यह पता किया जा सकता है कि जातक का विवाह कब होगा। जहां वर की कुंडली में शुक्र और राहु विवाह के कारक माने जाते हैं वहीं कन्या की कुंडली में गुरु बृहस्पति विवाह का कारक है।
साल 2020 में विवाह योग
यदि आप विवाह योग्य हैं और आपकी कुंडली में सप्तम भाव शुभ अवस्था में है तो साल 2020 में आपके विवाह के चांस प्रबल हैं। इसके अलावा सप्तम भाव का स्वामी शुभ या बली अवस्था में है। उस भाव पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि नहीं है तो इस साल ऐसे जातकों के भी विवाह के योग बन रहे हैं।
अगर साल 2020 में आपके लग्न के स्वामी या सप्तम भाव के स्वामी की दशा, या महादशा चल रही है तो आपका विवाह इसी वर्ष हो सकता है।
इन जातकों के विवाह में हो सकती है देरी
वहीं इसके विपरीत यदि आपकी कुंडली में सप्तम भाव कमजोर अवस्था में है, उस पर कोई अशुभ ग्रह विराजमान है, या सप्तमेश पर किसी अशुभ या शत्रु ग्रह की दृष्टि है तो इस वर्ष आपके विवाह में देरी हो सकती है। इसके अलावा यदि जिन जातकों की कुंडली में अग्नि या वायु तत्व की मात्रा अधिक है तो भी उनके विवाह में देरी संभव है।
ग्रहों के कमजोर होने पर विवाह में हो सकती है देरी
साथ ही ग्रहों में चंद्रमा, शुक्र या बृहस्पति की स्थिति कमजोर होना भी विवाह में विलंब का कारक है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो भी आपके विवाह में देरी अवश्य ही होगी। ऐसी स्थिति में कई शादी तय होकर भी टूट जाती हैं।
इन राशि के जातकों के हैं विवाह योग
इस वर्ष मेष राशि वाले विवाह योग्य जातकों की शादी हो सकती है। कहीं कोई अच्छा रिश्ता आ सकता है। यानि वर्ष 2020 में आपके दांपत्य जीवन में बंधने की प्रबल संभावना है। साल 2020 में मिथुन राशि के शादी योग्य जातकों का विवाह संपन्न हो सकता है। ग्रह-नक्षत्र इस बात का संकेत कर रहे हैं। अगर सिंह राशि के जातक शादी योग्य हैं और विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं इस वर्ष आपकी यह इच्छा पूर्ण हो सकती है।
वहीं वृश्चिक राशि के विवाह योग्य जातकों के घर पर शहनाई बच सकती है। इसके साथ ही धनु और कुंभ राशि के शादी योग्य जातकों की शादी के योग बन रहे हैं।
जिन राशियों का यहां जिक्र नहीं किया गया है, इसका तात्पर्य ये कतई नहीं है कि उन जातकों का वर्ष 2020 में विवाह नहीं होगा। उपरोक्त राशियों के जातकों के नए वर्ष में विवाह के प्रबल योग बन रहे हैं।