1. पहला : अलग-अलग पानीदार नारियल लेकर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर से 21 बार वार कर उसे अग्नि में जला दें। इसी तरह 21 बार वार कर बहते पानी में बहा दें। यह कार्य आप किसी भी गुरुवार को करें। इससे हर तरह की अला बला, नजर आदि समाप्त हो जाएगी।
4.चौथा : बहते पानी में रेवड़ियां, बताशे, शहद या सिंदूर बहाएं। यह कार्य मंगलवार को करें तो ज्यादा अच्छा है। इससे हर तरह का मंगलदोष दूर हो जाएगा।
6.छठा : वर्ष में 2 बार किसी अंधे को, अपंग को, संन्यासियों को या कन्याओं को भोजन अवश्य कराएं। इससे हर तरह का शनिदोष दूर हो जाएगा।
8.आठवां : वर्ष में कम से कम 2 बार कहीं पर भी नीम, पीपल, बरगद, शमी या आम के वृक्ष लगाएं। कहते हैं कि जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, दस इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह कभी भी नरक के दर्शन नहीं करता हैं।