जब किसी कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी होती है तो व्यक्ति हमेशा युवा ऊर्जा से भरा रहता है, उसमें नेतृत्व करने की क्षमता होती है और वह मजबूत व्यक्तित्व का स्वामी होता है। मंगल की प्रतिकूल स्थिति व्यक्ति को कमजोर बनाती है और आत्मविश्वास की कमी को दर्शाती है, हालांकि ऐसे लोग बहुत विनम्र होते हैं।
यह भाई-बहनों, विशेष रूप से भाइयों, सैन्य कर्मियों, सर्जनों, इंजीनियरों, रक्त और युद्ध, विनाश, हिंसा और संपत्ति का सूचक है। कुंडली के तीसरे, छठे या ग्यारहवें घर में शुभ माना जाता है। चौथे, सातवें और अष्टम भाव में विराजमान मंगल कुज दोष का निर्माण करता है, इससे विवाह जीवन प्रभावित हो सकता है। नए साल में कैसा होगा मंगल का गोचर