अगले वर्ष शनि ग्रह 17 जनवरी 2023 से मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में गोचर करने लगेगा। कुंभ राशि शनि की खुद की राशि है। कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि भी है। यदि आपकी कुंडली में शनि का राजयोग है तो आपकी लॉटरी लगने वाली है। आप बहुत भाग्यशाली हैं और यह मानो की आप मालामाल होने वाले हैं, क्योंकि अगले वर्ष शनि का शश नामक राजयोग बनने वाला है।
शनि का शश योग है राजयोग : शनि ग्रह के कारण बनने वाला शश योग पंचमहायोग में से एक राजयोग है। यदि आपकी कुंडली में शनि लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में तुला, मकर अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो यह शश योग बनता है। अर्थात शश योग तब बनता है जब कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि (मकर, कुंभ) में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है।
शश योग का प्रभाव : शश योग से प्रभावित जातक में किसी भी रोग से उबरने की मजबूत क्षमता होती है। यह योग जातक की आयु लंबी करता है अर्थात जातक दीर्घायु होता है। व्यापार व्यवसाय करने में जातक बहुत ही प्रेक्टिकल होता है। ऐसा जातक जरूरतपूर्ति या आवश्यकता अनुसार ही वार्तालाप करता है। ऐसे जातक ज्ञानी होता है और रहस्यों को जानने वाला भी होता है। राजनीति के क्षेत्र में है तो ऐसा जातक कूटनीति का धनी होता है और शीर्षपद पर आसीन हो जाता है। शश योग है तो जातक पर शनि के कुप्रभाव, साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
4 राशियों के लिए शनि का गोचर होगा शुभ:
1. मेष : मेष राशि में इस समय राहु का गोचर है और अगले साल बृहस्पति का गोचर होगा। शनि मेष राशि के एकादश भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में धन संपत्ति को लेकर आपकी किस्मत चमक जाएगी। इससे नौकरी, करियर और व्यापार में उन्नति मिलेगी। आय में वृद्धि होगी।