साढ़ेसाती एक ऐसा समय रहता है जबकि जातक के कर्मों का हिसाब किताब शुरु होता है। ढैया ढाई साल की, साढ़ेसाती साढ़े सात साल की और दशा 19 साल की होती है। यदि कर्म अच्छे हैं तो यह समय अच्छा भी रहता है। परंतु जब व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो शनिदेव का चक्र प्रारंभ हो जाता है। जैसे कि ब्याज का धंधा करना, पराई स्त्री पर नजर रखना, झूठ बोलना, शराब पीना, हत्या करना, चोरी करना, गरीबों को सताना, जानवरों को मारना, सांप को मारना और देवताओं का अपमान करना ये बुरे कर्म है।
ALSO READ: Shani in kumbha: शश राजयोग बनाकर शनिदेव दे रहे हैं इन 6 राशियों को धन, सुख और शांति