नवरात्रि पर्व : घटस्थापना के मुहूर्त

मैं तीन नेत्रों वाली दुर्गा देवी का ध्यान करता हूं, उनके श्री अंगों की प्रभा बिजली के सामान है। वे सिंह के कंधे पर बैठी है एवं भंयकर प्रतीत हो रही है, हाथों में चक्र, गदा, तलवार, ढाल, बाण, धनुष-पाश और तर्जनी मुद्रा भगवती धारण किए हुए है।

जिनकी सेवा में अनेक दिव्य कन्याएं तलवार एवं ढाल हाथ में लिए खड़ी हुई है एवं उनका स्वरूप अग्निमय है वे चंद्रमा का मुकुट धारण की हुई है। इस तरह शोभायमान देवी को नमस्कार (प्रणाम) कर नवरात्रि में घट-स्थापना शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। भगवती हर मनोरथ को अवश्य पूर्ण करती है।

चौघड़‍िया के अनुसार घटस्थापना के मुहूर्त :-

ब्रह्म मुहूर्त 4.30 से 06.00 अमृत, सुबह 06.00 से 07.30 शुभ, सुबह 10.30 से 12.00 लाभ, दोपहर 12.00 से 01.30 अमृत, शाम 04.30 से 06.00 शुभ, शाम 06.00 से रात्रि 07.30 तक अमृत एवं रात्रि 10.30 से 12.00 बजे तक लाभ का चौघड़‍िया रहेगा।

लग्न अनुसार घटस्थापना के मुहूर्त : -

ब्रह्म में मेष लग्न 04.50 से 06.23 तक, वृषभ-लग्न 06.23 से 08.04 तक, मिथुन-लग्न 08.04 से 10.03 तक, सिंह लग्न दोपहर-12.16 से 02.32 तक, कन्या-लग्न 02.32 से 04.43 तक, वृश्चिक-लग्न शाम 06.58 से रात्रि 09.08 तक, धनु-लग्न--09.08 से रात्रि 11.23 तक एवं देर से पूजन करने वालों के लिए कुंभ-लग्न रात्रि 01.28 से 02.15 तक।

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