सूर्य एक आग का गोला है जो अपनी जगह स्थिर रहकर गोल-गोल घूमता रहता है। यह किसी का चक्कर लगाता है या नहीं इस पर रिसर्च कंपलिट नहीं है, लेकिन सूर्य के आसपास करीब 8 ग्रह और सैंकड़ों उपग्रह अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं। हमारे सौर मंडल में ग्रह, उपग्रह और उल्काओं की संख्या बहुत है। आओ जानते हैं सूर्य के 10 रहस्य।
1. सूर्य एक तारा है : वैज्ञानिक कहते हैं कि यह जलता हुआ विशाल पिंड है। यानी यह एक विशालकाय तारा है। फिर भी यह ब्रह्मांड की अपेक्षा एक छोटा तारा है। मंदाकिनी आकाशगंगा (The Milky way) में लगभग 1 खरब तारे हैं।
2. ग्रह लगाते हैं सूर्य का चक्कर : सूर्य के चारों ओर आठों ग्रह और अनेक उल्काएँ चक्कर लगाती रहती हैं। आठों ग्रहों में बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेप्चून, प्लूटो और यूरेनस है। इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति के बल पर ही समस्त ग्रह इसकी तरफ खिंचे रहते हैं अन्यथा सभी अंधकार में न जाने कहां लीन हो जाएं।
3. तापमान : वैज्ञानिक कहते हैं कि इसका तापमान बाहरी स्तर पर 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर डेढ़ करोड़ डिग्री तक रहता है। हजारों ज्वालामुखी इस पर फूटते रहते हैं। जिनके कारण सौर तूफान पैदा होते रहते हैं।
4. सूर्य की रचना : इसकी संरचना अधिकतर हाइड्रोजन एवं हीलियम नामक तत्वों से हुई है। इसमें 73% हायड्रोजन और 25% हिलियम है। सूर्य के अंदर अन्य भारी तत्व जैसे ऑक्सीजन, कार्बन, निआन और लोहा अत्यल्प मात्रा में मौजूद है।
5. सूर्य का आकार : सूर्य का आकार या व्यास 1372400 है या 1.3927 मिलियन। इस पर पृथ्वी जितने अनुमानित 13 लाख गोले रखे जा सकते हैं।
6. सूर्य की उम्र : अनुमान है कि अभी यह गोला 30 अरब वर्ष तक जलते रहने की क्षमता रखता है।
7. धरती से सूर्य की दूरी : धरती से इसकी औसत दूरी 149000000 किलोमीटर या 147.65 मिलियन किलोमीटर मानी गई है। ये अपनी धुरी पर 30 दिनों मे घूम जाता है।
8. वेदों में सूर्य : भूलोक तथा द्युलोक के मध्य में अन्तरिक्ष लोक है। इस द्युलोक में सूर्य भगवान नक्षत्र तारों के मध्य में विराजमान रहकर तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं। वेदों के अनुसार सूर्य जगत की आत्मा है, यही सूर्य नहीं अनेक सूर्य भी हैं।
9. पुराणों के सूर्य : पुराणों अनुसार सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है। इनकी पत्नी का नाम संज्ञा है जो विश्वकर्मा की पुत्री हैं। संज्ञा से यम नामक पुत्र और यमुना नामक पुत्री तथा इनकी दूसरी पत्नी छाया से इनको एक महान प्रतापी पुत्र हुए जिनका नाम शनि है।
10. ज्योतिष में सूर्य : राहु सूर्य के साथ हो या लग्न में तो कुंडली में सूर्य ग्रहण माना जाएगा। सूर्य का वार रविवार है। सूर्य उत्तरायण से होकर दक्षिणायन गमन करता है और एक राशि में 30 दिनों तक रहता है। संक्रांति, छठ पूर्व, रथ सप्तमी और कुंभ सूर्य के त्योहार हैं। सूर्य मेष में उच्च का और तुला में नीच का होता है।