सिद्ध विजय पंचांग, चिंता हरण पंचांग में 4 को, जबकि निर्णय सागर पंचांग में शनि जयंती 5 जून की बताई गई है। कुछ पंचांगों में एकम तिथि का क्षय भी बताया गया है।
उदया तिथि में अमावस्या 5 जून को है, इसलिए 5 जून को भी शनि जयंती मानी जा रही है। 4 जून को अमृत सिद्धि योग के साथ कृतिका नक्षत्र और वृषभ राशि में चंद्रमा रहेगा। इन सब योग में पूजन करने से शनि विशेष सफलता का आशीर्वाद देंगे।