14 मार्च को पूर्ण चंद्र ग्रहण का योग बना। उसी दिन मीन संक्रांति थी। 29 मार्च 2025 को शनि ने मीन राशि में प्रवेश किया। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी था। 14 मई 2025 से गुरु ग्रह वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में 3 गुना अतिचारी हो गए। 18 मई 2025 को राहु ने बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश किया और इसी दिन केतु ने सिंह राशि में गोचर किया। इस ग्रह योग के साथ ही शनि मंगल का नवपंचम योग, पिशाच योग, कुंज केतु योग, षडाष्टक योग, खप्पर योग जैसे कई अशुभ योगों का निर्माण भी हुआ। इन सभी के चलते देश और दुनिया में घटना, दुर्घटना, हादसे, आगजनी, भूकंप, प्राकृतिक आपदा के साथ ही जन विद्रोह और युद्ध की विभीषिका देखने को मिली। जनवरी से लेकर जून तक इन 6 माह में 6 बड़े हादसे भारत में हुए है। यह सभी हादसे ग्रहण और ग्रहों के परिवर्तन के आसपास 15 से 20 दिनों के अंतराल में हुए है।
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