शनि 24 जनवरी 2020 को अपनी राशि मकर में पहुंचेंगे। मकर में वे अगले ढाई साल तक रहेंगे। शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं। इसलिए शनि के राशि परिवर्तन का राजनीतिक,सामाजिक,आर्थिक स्थितियों पर भी काफी प्रभाव पड़ता है।
न्याय के देवता होने के नाते सबके साथ न्याय करते हैं। खासकर मेहनत और कर्म पर विश्वास रखने वालों को सफलता मिलती है। ज्योतिषशास्त्र में शनि के राशि परिवर्तन को बड़ी घटना माना है।
शश राजयोग बनेगा
शनि की मकर राशि में गोचर से मेष,कर्क,तुला और मकर के लिए शश राजयोग का निर्माण होगा। यह शनि से बनने वाला सबसे बड़ा योग कहा जाता है।
शुक्रवार 24 जनवरी को धनु से मकर राशि में चले जाएंगे। मकर राशि में ही 11 मई 2020 को वक्री हो जाएंगे। वे लगभग 142 दिनों तक यानी 29 दिसंबर तक वक्री ही रहेंगे। मकर चर राशि और पृथ्वी तत्व की राशि है। मकर की अपनी राशि मकर और कुंभ है। शनि मेष में नीच के और-तुला में उच्च के होते हैं। ये बुध और शुक्र के मित्र हैं जबकि सूर्य,मंगल और चंद्र इनके शत्रु हैं। शनि पूरे वर्ष 2020 में अपने पिता सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ में रहेंगे।
3 राशि का शनिदोष खत्म, 3 पर चढ़ेगा
शनि के राशि परिवर्तन से वृश्चिक राशि की साढ़े साती समाप्त होगी। जबकि कन्या और वृष राशि पर से शनि की ढैय्या उतर जाएगा। वहीं कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती और तुला और मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या शुरू होगा। इस तरह धनु,मकर और कुंभ पर शनि की साढ़े साती और मिथुन व तुला पर शनि की ढैय्या रहेगा।
विभिन्न राशियों पर प्रभाव :
मेष: नौकरी में तरक्की,आय बढ़ेगी
वृष: राजकृपा,लोकप्रियता बढ़ेगी
मिथुन: कार्यों में रुकावट,गृहस्थी में सामंजस्य की कमी
कर्क: अचानक धनलाभ, साझा व्यापार से लाभ
सिंह: मुकदमा में सफलता,रोगों से मुक्ति
कन्या: भूमि-वाहन योग,माता से लाभ
तुला: प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता,धार्मिक कार्य में रुचि