वहीं कुछ लोग इसे भाग्यशाली संख्या के रूप में कहते हैं। नंबर 786 अल्लाह का प्रतीकात्मक मना जाता है। लेकिन कोई भी इस्लमिक विद्वान इसे अब तक भी नहीं समझ पाया, कोई इस अंक की व्याख्या कर पाया क्योंकि इसका कुरान में किसी तरह का उल्लेख नहीं है।
इस्लाम में 786 संख्या का कोई सुराग नहीं है। पर फिर भी कई लोग बिस्मिल्लाह की नाम की जगह इस नंबर का उपयोग करते हुए देखते हैं। जबकि यह प्रथा पैगंबर मुहम्मद के समय से नहीं है। कहा जाता है कि बिस्मिल्ला अल रहमान अल रहम अरबी उर्दू में लिखा जाता है। लोग 786 को अल्लाह के नाम के स्थान पर इस्तेमाल करते हैं। कुछ मुसलमानों ने इस्लाम में कुछ संख्याओं को अरबी पत्रों से जोड़कर प्रस्तुत किया है।