करें ये उपाय : श्रावण अमावस्या के दिन कच्चा दूध, गंगाजल, काली तिल, सफेद आंकड़े के पुष्प, बिल्व पत्र, भांग और धतूरा आदि चढ़ा कर भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करें। और पितृदोष से मुक्ति के लिए सूर्यदेव के अर्घ्य के पश्चात पितृओं के निमित्त नदी तट पर तर्पण कर्म करें। साथ ही पितृसूक्त, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष, पितृ स्तोत्र, पितृ गायत्री मंत्र, श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, और पितृ कवच का पाठ करके कर्पूर जलाकर आरती करें। इस उपाय से पितृ दोष से मुक्ति होकर सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होगी।