चुनाव 2019 का ज्योतिष आकलन : परिणाम की तारीख असर डालेगी नतीजों पर, एक्जिट पोल के भरोसे न रहें
यह चुनाव हमारे पूरे देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण है। इस चुनाव परिणाम का भारत पर लंबे समय तक प्रभाव रहेगा। भारत इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर है। आइए 10 ज्योतिषीय तथ्यों के माध्यम से डालें एक नजर...
1.बृहस्पति का पारगमन बहुत महत्व रखता है। भारत के फाउंडेशन चार्ट में बृहस्पति 8 वें घर (प्रतिकूलताओं का घर) का स्वामी है। जैसा कि बृहस्पति न तो 10 वें घर से जुड़ा है और न ही शनि के साथ। यह स्थिति सत्तासीन सरकार को आगे बनाए रखने का अच्छा मौका देती है।
2.स्थिर सरकार के लिए लग्न के स्वामी का मजबूत होना आवश्यक है। हालांकि परिणाम की तारीख को शुक्र 12 वें घर से गुजर रहा है, जो कि सरकार के लिए अनुकूल नहीं है।
3. मजबूत राहु और शनि मजबूत और स्थिर सरकार प्रदान करते हैं। राहु उच्च का है, इसलिए बहुत शक्तिशाली है, लेकिन, 8वें घर में शनि कमजोरी का संकेत देता है। यह सरकार के हित के लिए हानिकारक है।
4. हालांकि, शनि की वक्री दृष्टि उसके विपरीत प्रभाव को उलट सकता है। सबसे महत्वपूर्ण कारक शनि है, जो परिणाम के दिन केतु के साथ बहुत निकट होगा और यह एक काफी जटिल ग्रहीय स्थिति हो सकती है। यह इस चुनाव में एक निर्णायक कारक होगा।
5. लोकसभा चुनाव 2019 में अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक या चौंकाने वाले परिणाम के संकेत अधिक हैं। वृश्चिक में शनि और केतु की करीबी युति ने 1984 में राजीव गांधी को शानदार जीत दिलाई थी। दूसरी तरफ, मीन राशि में शनि-केतु की युति ने 1996 में इसे खंडित जनादेश में बदल दिया। हालांकि, यह एक करीबी संयोजन नहीं था। लिहाजा, लोकसभा चुनाव 2019 में शनि कइयों को परेशान कर सकता है।
6. अंकशास्त्रियों का कहना है कि शनि-केतु की युति त्रिशंकु संसद का भी संकेत देती है, शनि-केतु के घनिष्ठ संयोजन से मोदी सरकार को अच्छे बहुमत के साथ वापसी करने में मदद मिलेगी। एक्स फैक्टर (वक्री शनि-केतु युति) भी एनडीए को वर्तमान जनादेश को पार करने में मदद कर सकता है। राजग के पास सत्ता को बनाए रखने का निश्चित मौका है।
7. इसके साथ ही चुनाव परिणाम की तिथि पर चंद्रमा का गोचर शनि और केतु के साथ करीबी युति बनाएगा। इस पर मंगल की सीधी दृष्टि होगी। ऐसे में चुनाव के नतीजों को समझ पाना वाकई मुश्किल है। परिणाम दिनांक का इवेंट चार्ट सत्तासीन एनडीए गठबंधन के लिए लाभ का संकेत देता है।
8.कुछ ज्योतिर्विद मानते हैं कि चुनाव परिणाम की तारीख तक, मंगल का पारगमन बहुत महत्वपूर्ण होगा। विशेषकर रोहिणी नक्षत्र में वृषभ के राशि से मंगल का पारगमन तनाव बढ़ा सकता है। शनि-केतु की युति 7 मई से मंगल-राहु की युति के सामने है।
7 अप्रैल और 22 जून के बीच की अवधि अत्यधिक संवेदनशील और जटिल हो सकती है। 22 जून तक की पूरी अवधि जो संयोगवश भारतीय आम चुनावों को कवर करती है, बहुत विघटनकारी हो सकती है। इस चरण के दौरान होने वाली कोई भी घटना लोकसभा चुनावों के परिणाम पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
9.अधिकांश ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यह चुनाव पूरे भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण होगा। इस चुनाव में बीजेपी अकेली सबसे बड़ी पार्टी होगी। एनडीए फिर से सत्ता में आ सकती है। एनडीए के वर्तमान जनादेश को पार करने की संभावना है।
10. कुछ विद्वानों के अनुसार अगर परिणाम 23 की सुबह से आने आरंभ हो जाए तब तो भाजपा को बढ़त लेने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन अगर किसी कारणवश तारीख आगे बढ़ती है तो स्थिति उलटफेर की भी हो सकती है।