कब होंगे गुरु-शुक्र अस्त, कब होगी मीन संक्रांति, जानिए किन शुभ कार्यों पर लगेगी रोक

हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।


शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों Mangalik Karyon ke Munurat के मुहूर्त नहीं बनते, वहीं खरमास एवं पौष माह में भी विवाह आदि मांगलिक कार्यों का निषेध होता है। 
 
आइए जानते हैं कब-कब विवाह मुहूर्त वर्जित रहेंगे-
 
1. खरमास/मलमास- Kharmas 2021-2022 
दिनांक 16-12-2021 से 14-01-2022 तक।
 
16 दिसंबर से प्रारंभ हुआ 'मलमास'-
 
हिन्दू परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसी ही एक अवधि है- 'मलमास' जिसे 'खरमास' भी कहा जाता है।

 
क्या होता है 'मलमास'-Malmas kya Hai
 
जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही 'मलमास' या 'खरमास' कहा जाता है। 'मलमास' में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।

 
2. शुक्रास्त-Shukra Tara Ast 2022 
दिनांक 5-01-2022 से 11-01-2022 तक।
 
शुक्र के तारे की अस्तोदय अवधि-
 
दिनांक 5 जनवरी 2022, दिन बुधवार पौष शुक्ल तृतीया को शुक्र का तारा (Shukra Tara Ast) पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो दिनांक 11 जनवरी 2022, दिन मंगलवार पौष शुक्ल नवमी को पूर्व दिशा में उदित होगा। इस अवधि में शुक्र के तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण विवाह आदि समस्त मांगलिक एवं शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।

3. गुरु अस्त-Guru Tara Ast 2022 
गुरु के तारे की अस्तोदय अवधि-
 
दिनांक 22 फरवरी 2022 दिन मंगलवार फाल्गुन कृष्ण षष्ठी को गुरु का तारा (Guru Tara Ast) पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो दिनांक 23 मार्च 2022 दिन बुधवार चैत्र कृष्ण षष्ठी को पूर्व दिशा में उदित होगा। इस अवधि में गुरु के तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण विवाह आदि समस्त मांगलिक एवं शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
 
4. मीन संक्रांति 'मलमास' Meen Sankranti 2022 
दिनांक 14-03-2022 से 14-04-2022 तक।
 
दिनांक 14 मार्च 2022 को सूर्य गोचरवश मीन राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य गोचरवश मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही 'मलमास' Malmas या 'खरमास' कहा जाता है। 'मलमास' में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]

ALSO READ: साल 2022 में गुरु बदलेंगे अपनी राशि, 12 राशियों की कैसी होगी जिंदगी

ALSO READ: गुरुवार के दिन ये 5 कार्य जरूर करना चाहिए, भाग्य खुल जाएगा
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी