Jupiter transit in Gemini 2025: चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के पासपास होने से भूकंप के साथ ही देश और दुनिया का राजनीतिक परिदृष्य बदल गया वहीं शनि के मीन राशि में जाने से जहां पूरे विश्व के शेयर बाजार धराशायी हो गए हैं। दुनिया में मंदी का खौफ है। इसके अलावा पहले से ही धरती पर कई देशों में आपसी भीषण युद्ध चल रहा है। ऐसे में ज्योतिष का आकलन है कि जब 14 मई 2025 को बृहस्पति ग्रह अतिचारी चाल चलते हुए मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो बड़ा धमाका हो सकता है। इसी के साथ ही जलवायु परिवर्तन को स्पष्ट महसूस किया जा सकेगा।ALSO READ: बृहस्पति ग्रह के मिथुन राशि में प्रवेश से बदल जाएगी 4 राशियों की किस्मत
14 मई 2025 से गुरु ग्रह 3 गुना अतिचारी हो रहे हैं और इस बार वे 8 वर्षों के लिए अतिचारी होंगे। इससे पहले वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक 4 राशियों में अतिचारी थे जिसके चलते देश और दुनिया की स्थिति परिस्थिति पुरी तरह बदल गई थी। 18 मई 2025 को राहु भी मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा।
अतिचारी गति से होगा धरती को नुकसान: कहते हैं कि कुंडली में गुरु अच्छा है तो सबकुछ अच्छा रहता है लेकिन आकाश मंडल में अगले वर्ष गुरु अपनी चाल बदलकर अतिचारी चाल चलने वाले हैं। अतिचारी यानी वे अब तेज गति से एक राशि को बहुत कम समय में पार करके पुन: उसी राशि में वक्री लौटेंगे और फिर मार्गी होकर पुन: अगली राशि में चले जाएंगे। ऐसे वे 8 वर्षों तक करेंगे। गुरु 1 वर्ष में किसी राशि में 30 डिग्री तक गति करते हैं, लेकिन इस बार गुरु 30 डिग्री को तेज गति से पार करके यानी 4 या 5 माह में ही पार करके मिथुन से कर्क में चले जाएंगे और वहां डेढ़ से 2 माह रहने के बाद पुन: मिथुन में वक्री होकर लौटेंगे जहां वे 30 से 25 डिग्री चलकर पुन: कर्क में मार्गी हो जाएंगे। बृहस्पति की इस असामान्य गति से धरती पर हलचल बढ़ जाएगी, क्योंकि बृहस्पति की मीन राशि में शनि और राहु की युति मई 18 मई 2025 तक रहेगी। बृहस्पति ग्रह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान देखने को मिलते हैं।
गुरु के अतिचारी होने का इतिहास क्या है?
1. महाभारत काल में यानी 5000 हजार वर्ष पहले गुरु 7 राशियों में 7 वर्ष तक अतिचारी रहे थे। जिसके चलते महायुद्ध हुआ था।
2. करीब 1000 वर्ष पहले भी गुरु अतिचारी हुए थे तब भी बड़े बदलाव हुए थे।
3. प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति की असामान्य गति थी।
4. पिछले कुछ वर्ष पहले यानी 2018 से लेकर 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों में अतिचारी थे। इन वर्षों में जो हुआ वह सभी ने देखा है।
क्या होगा गुरु की अतिचारी गति का परिणाम?
1. बड़ा बदलावा होगा: अब 14 मई 2025 से बृहस्पति ग्रह 3 गुना तेज गति से 8 वर्षों के लिए अतिचारी होंगे। बृहस्पति के अतिचारी होने से 14 मई 2025 से लेकर 18 मार्च 2033 तक यानी 8 वर्षों तक दुनिया में बहुत बड़े बदलाव होने की संभावना है।
2. महायुद्ध की आशंका: गुरु के अतिचारी, शनि के मीन में गोचर और राहु के कुंभ में गोचर के दौरान देश और दुनिया का संपूर्ण परिदृश्य बदल जाएगा। उपरोक्त तीनों ग्रहों की गति के कारण वर्तमान में चल रहे युद्ध आगे चलकर महायुद्ध में बदल जाने की संभावना है।
3.अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव होगा: गुरु के अतिचारी होने से देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में और शासन व्यवस्था में भी भारी बदलाव देखने को मिलेंगे।
4. नई महामारी की आशंका: कोरोना वायरस की तरह किसी नई महामारी के आने की संभावना है।
5. टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष में मानव बहुत उन्नति करेगा: टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो जाएगी जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। लोग अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाएंगे।
6. जलवायु परिवर्तन के चलते तापमान बढ़ेगा: बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के मौसम और तापमान में बदलाव हो जाएगा।