क्या होगा 2022 से 2029 के बीच, क्या 13 मुल्क मिलकर करेंगे भारत पर हमला?

गुरुवार, 12 मई 2022 (18:15 IST)
16वीं सदी में ओडिशा में 5 चमत्कारिक संत हुए हैं जिन्हें पंचसखा कहा गया है। पंचसखा के नाम हैं- अच्युतानंद दास, अनंतदास, जसवंतदास, जगन्नाथदास और बलरामदास। इनमें से एक अच्युतानंददास की भविष्यवाणियां इस समय सोशल मीडिया में बहुत वायरल हो रही हैं।

 
 
 500 वर्ष पूर्व हुए अच्युतानंददास की भविष्य मालिका की 10 भविष्यवाणियां
 
1. भविष्य मालिका : बताया जा रहा है कि संत अच्युतानंद दास ने अपनी योग शक्ति के बल पर भविष्य मालिका को लिखा था। कहते हैं कि मालिका नाम से 21 लाख किताबें हैं। ये ग्रंथ ओडिशा में जगन्नाथ पुरी के मठों, मंदिरों और महंतों के पास अलग-अलग रखे हुए हैं, लेकिन अच्युतानंद दास ने 318 पुस्तकें भविष्य के विषय पर लिखी है। इन पुस्तकों को अच्युतानंद मलिका के नाम से जाना जाता है। हालांकि उनके नाम पर कई लोग अब झूठी भविष्वाणियां भी प्रचारित कर रहे हैं, जो कि भविष्य मालिका में लिखी ही नहीं हैं। 
 
2. प्रभु जगन्नाथ के 256 भक्त : अच्युतानंद दासजी पुरी के जगन्नाथ धाम में रहते थे। कहते हैं कि उन्हें भविष्‍य देखने की दिव्य शक्ति प्राप्ति थी। उनके द्वारा लिखीं सभी पुस्तकें जगन्नाथ पुरी के महंतों के अधिकार में हैं। कहते हैं कि कलयुग के अंत में इस ग्रंथ को लोगों के सामने लाने का कार्य करेंगे प्रभु जगन्नाथ के 256 भक्त। माना जा रहा है कि ओडिशा के सत्या भांजा नाम के एक व्यक्ति ने ही सबसे पहले भविष्य मालिका की भविष्यवाणियों को उजागर किया था। उन्हीं के वीडियो को सुनकर हजारों लोग अपने अपने तरीके से भविष्य मालिका की भविष्‍यवाणियों के अर्थ निकाल रहे हैं।
 
3. तीन चरणों में हैं भविष्यवाणियां : भविष्य मालिका के अनुसार धरती 3 चरणों से गुजर रही है। पहला कलयुग का अंत होगा, दूसरा महाविनाश होगा और तीसरा आएगा एक नया युग।
 
4. जगन्नाथ पुरी मंदिर से मिलते हैं भविष्य के संकेत : मान्यता है कि पुरी के जगन्नाथ से जो भी शुभ या अशुभ संकेत मिलते हैं, वह पूरे जगत में होता है। इसी वायरल हो रही भविष्य मालिका के अनुसार जब भगवान जगन्नाथ का अपमान होगा, मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी, जगन्नाथ पुरी मंदिर के पत्थर गिरेंगे, ओडिशा में चक्रवाती तूफान से कल्पवृक्ष यानी पवित्र बरगद का पेड़ गिर जाएगा, तब लोग मरने लगेंगे। जगन्नाथ मंदिर का झंडा कई बार गिरेगा और एक चक्रवाती तूफान के कारण झंडा समुद्र में जा गिरेगा। जगन्नाथ मंदिर का सुदर्शन चक्र तूफान से टेढ़ा हो जाएगा। जगन्नाथ पुरी के मंदिर के झंडे में आग लग जाएगी। मंदिर परिसर में त्रिदेव के ऊपर जो कपड़ा है, उसमें आग लग जाएगी। मंदिर के शिखर पर एकाश्म स्तंभ पर गिद्ध बैठेगा। जगन्नाथ के मंदिर में बार-बार रक्तपात होगा, खून के धब्बे मिलेंगे। उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां सत्य हो गई हैं। इसका मतलब यह कि कलयुग का अंत आ चुका है और विनाश का समय अब प्रारंभ होगा।
 
5. शनि का गोचर मचाएगा तबाही : भविष्य मालिका के अनुसार जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब महाविनाश का प्रारंभ होगा। शनि ने 29 अप्रैल को ही कुंभ में प्रवेश किया है। फिर शनि वक्री होकर 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में गोचर करेगा। इस दौरान महायुद्ध की नींव पड़ जाएगी। शनि उसके बाद जब 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में आएंगे और 29 मार्च 2025 तक यहीं रहेंगे। इस दौरान तीसरे विश्‍वयुद्ध से महाविनाश का पहला चरण प्रारंभ होगा। उसके बाद 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक शनि मार्गी और वक्री होकर मीन राशि में रहेंगे। तब जनता त्राहि-त्राहि करने लगेगी। फिर 23 फरवरी 2028 से 17 अप्रैल 2030 तक शनि मेष राशि में रहेंगे। इसी दौरान महाविनाश का दौर खत्म हो जाएगा और एक नए युग का प्रारंभ होगा।
 
Achyutananda das
आओ अब जानते हैं प्रमुख 10 भविष्‍यवाणियां:
 
आओ अब जानते हैं प्रमुख 10 भविष्‍यवाणियां:
 
1. किसान खेती का काम बंद कर देंगे और जंगली जानवर गांव और शहर पर हमला करना शुरू कर देंगे।
 
2. बदल जाएगी धरती की धुरी। इसके बाद कई भूंकप आएंगे।
 
3. आसमान में दो सूर्य निकलने का आभास होगा। यह आसमानी पिंड होगा, जो बंगाल की खाड़ी में गिरेगा और ओडिशा जलमग्न हो जाएगा।
 
4. समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा और जगन्नाथ मंदिर की 22वीं सीढी तक पानी आ जाएगा। तब भगवान के विग्रह को छातियाबटा ले जाएंगे।
 
5. धरती पर हो रहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण धरती पर 7 दिनों तक अंधेरा रहेगा। कहा जा रहा है कि यह घटना 2022 से 2029 के बीच होगी।
 
6. एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर होगा महायुद्ध। तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी।
 
7. तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 माह तक चलेगा। चीन 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत पर हमला कर देगा। आखिरी के 13 माह भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्‍व गुरु भी बन जाएगा।
 
8. भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्‍व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा। 
 
9. उस वक्त ओडिशा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा। इसी दौरान भगवान कल्कि प्रकट होंगे, जो युद्ध में भारत का साथ देंगे।
 
10. अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। चीन के कई टुकड़े हो जाएंगे। पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लड़ने वाली शक्ति कमजोर और दयनीय हो जाएगी। रूस एक हिन्दू देश बन जाएगा। योरप युद्ध लड़ने लायक नहीं रहेगा। वहां की जनसंख्‍या न के बराबर होगी। इसके बाद 1,000 साल तक शांति का युग बना रहेगा।
 
डिस्क्लेमर : वायरल हो रहीं उपरोक्त भविष्यवाणियों का प्रमाण हम नहीं दे सकते और न ही इसकी पुष्टि कर सकते हैं। उनकी इन भविष्यवाणियों को कई लोग तोड़-मरोड़कर भी पेश करते हैं और अपने तरीके से भी प्रचारित कर रहे हैं। हम नहीं जानते हैं कि इसमें कितनी सचाई है। आप अपने विवेक से काम लें।

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