नए साल की पहली अमावस्या यानी दर्श अमावस्या 12 जनवरी 2021, मंगलवार को पड़ रही है। अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 जनवरी की दोपहर 12.22 मिनट से होगी तथा बुधवार, 13 जनवरी को सुबह 10.30 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्ति होगी। साल 2021 में मत-मतांतर के चलते अमावस्या 12 और 13 जनवरी को मनाई जाएगी।
माना जाता है कि दर्श अमावस्या के दिन चांद पूरी तरह से गायब रहता है। इस संबंध में हिंदू मान्यताओं के अनुसार सुख-समृद्धि एवं परिवार के कल्याण की कामना के लिए पूजा की जाती है। दर्श अमावस्या का व्रत रखने और चंद्रमा का पूजन करने से चंद्र देवता अपनी कृपा बरसाते हैं और सौभाग्य व समृद्धि का आशीष देते हैं। इसे श्राद्ध अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पूर्वजों को याद करके उनका तर्पण किया जाता है।
विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण के साथ-साथ सूर्य, अग्नि, वायु, ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अष्टवसु, अश्विनी कुमार, ऋषि तृप्त होकर प्रसन्न होते है तथा सुखी रहने का आशीर्वाद भी देते हैं। आइए जानें इस अमावस्या के खास 9 उपाय :-
3. 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ फल प्रदान करता है।
4. अमावस्या के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है।
5. इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें।
8. घर में क्लेश हो तो उसकी शांति हेतु जल में लाल मसूर बहाएं।
9. विद्या की प्राप्ति हेतु रेवड़ी को मीठे जल में प्रवाहीत करें।