Dasha mahadasha antardasha calculator Predictions : ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रहों को मान्यता प्राप्त है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि के साथ ही दो छाया ग्रह राहु और केतु को भी शामिल किया गया है। उपरोक्त सभी ग्रहों की दशा, महादशा और अंतरदशा का प्रभाव जातक के जीवन पर होता है। आओ जानते हैं कि किस ग्रह की महादशा होती है शुभ और किस ग्रह की दशा में कष्ट मिलता है खूब।
महादशा : महादशा शब्द का अर्थ है वह विशेष समय जिसमें कोई ग्रह अपनी प्रबलतम अवस्था में होता है और कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ फल देता है। 9 ग्रहों को 12 राशियों में बांटा गया है। सूर्य और चन्द्र के पास एक-एक राशि का स्वामित्व है, अन्य ग्रहों के पास 2-2 राशियों का स्वामित्व है। विंशोत्तरी गणना के अनुसार ज्योतिष में आदमी की कुल उम्र 120 वर्ष की मानी गई है और इन 120 वर्षों में आदमी के जीवन में सभी ग्रहों की महादशा पूर्ण हो जाती हैं।
अन्तर्दशा : इन वर्षों में मुख्य ग्रहों की महादशा में अंतर्गत अन्य ग्रहों का भी गोचर या भ्रमण होता जिसे अन्तर्दशा कहते हैं। जिस ग्रह की महादशा होगी, उसमें उसी ग्रह की अन्तर्दशा पहले आएगी, फिर ऊपर दिए गए क्रम से अन्य ग्रह भ्रमण करेंगे। इस समय में मुख्य ग्रह के साथ अन्तर्दशा स्वामी के भी प्रभाव फल का अनुभव होता है।
प्रत्यंतर दशा : ग्रहों की अन्तर्दशा का समय पंचांग से निकाला जा सकता है। अधिक सूक्ष्म गणना के लिए अन्तर्दशा में उन्हीं ग्रहों की प्रत्यंतर दशा भी निकली जाती है, जो इसी क्रम से चलती है। इससे अच्छी-बुरी घटनाओं के ठीक समय का आकलन किया जा सकता है।