देवी पार्वती के अत्यंत उग्र रूप को धूमावती के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल अष्टमी को देवी के अवतरण दिवस पर मां धूमावती जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 18 जून को है। धूमावती देवी की कृपा से साधक धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त कर लेता है।
देवी साधक के पास बड़ी से बड़ी बाधाओं से लड़ने और उनको जीत लेने की क्षमता आ जाती है। महाविद्या धूमावती के मंत्रों से बड़े से बड़े दुखों का नाश होता है। धूमावती जयंती पर रुद्राक्ष की माला से 21, 51 या 108 बार इन मंत्रों का जाप करें। आइए जानें-