दिवाली पूजन में हमेशा कमल गट्टे की माला, लाल-गुलाबी वस्त्रासन, गन्ना, कमल पुष्प, नागकेसर, आंवला, गुलाब का इत्र, गौघृत, श्रीयंत्र, लक्ष्मी यंत्र, गणेश यंत्र, कुबेर यंत्र इत्यादि का प्रयोग होता है।
(5) 'ॐ ह्रीं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा' इत्यादि मंत्रों की यथाशक्ति 11-21-51 माला करें। समिधा वटवृक्ष की हो तो ठीक है अन्यथा आम की लें तथा इससे हवन करें, पश्चात नित्य 1 माला करें।