हम सभी सामाजिक जीवन में सुख और दुख में शामिल होते हैं। प्रत्येक स्थिति के लिए कुछ सामाजिक और नैतिक मर्यादाएं होती हैं। मर्यादा के विरूद्ध व्यवहार करना अशोभनीय माना जाता है। शास्त्रों में 5 ऐसी परिस्थितियां या अवस्था बताई हैं जिनमें हंसने से करोड़ों गुना पाप लगता है।