देवशयनी एकादशी के दिन से श्रीहरि विष्णु शयनकाल होता है, पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्री हरि के शयन को योगनिद्रा भी कहा जाता है। फिर 4 माह पश्चात कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन वे निद्रा से जागते हैं, इस दिन को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष हरिशयनी/ देवशयनी एकादशी 29 जून को मनाई जा रही है।
यदि इस दिन ये 5 खास कार्य कर लिए जाएं तो रातोरात मनुष्य का भाग्य चमक सकता है, तथा जीवन में 5 बड़े लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं-
1. देवशयनी एकादशी का व्रत करने से सिद्धि प्राप्त होती है। तथा पूर्णरूप से विधिवत व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्त होकर मनुष्य निरोगी रहता है।
2. इस दिन विधिवत पूजन तथा देवशयनी एकादशी की कथा सुनने से सभी संकट दूर होकर भाग्य चमक जाता है।
3. सभी व्रतों में देवशयनी एकादशी का व्रत उत्तम माना गया है। अत: इस दिन श्री विष्णु-माता लक्ष्मी का पूजन करने से वे प्रसन्न होकर अपार धनलाभ की प्राप्ति का वरदान देते हैं।
4. इस दिन तुलसी-शालिग्राम की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने से मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. देवशयनी एकादशी के दिन सायंकाल के समय तुलसी के पौधे पास घी का दीया जलाकर मंत्र- 'ॐ वासुदेवाय नमः:' का 108 बार जाप करके 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें। इस कार्य से आपको सभी पापों से छुटकारा मिलने के साथ ही घर में सुख-शांति आएगी। तथा रातोरात आपकी किस्मत चमक उठेगी।
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