हमारे धर्मों में जप, तप, दान और यज्ञ का बड़ा महत्व माना गया है। ग्रहों का दान, गोदान, कन्या दान, सोना-चांदी, खाने-पीने की वस्तुएं तथा दवा-औषधि आदि का दान बहुत ही लाभदायी और महापुण्यकारी माना गया है। इनमें से खास तौर पर सोना-चांदी, गोदान तथा कन्या दान को हमारे शास्त्रों ने दान की श्रेष्ठ श्रेणी में रखा है। आइए जानें कैसे दें दान और कौन हैं उनके देवता :-
* सोने के देवता अग्नि है, दास के प्रजापति है।
* गाय के देवता रूद्र हैं।
* जिन कार्यों के कोई देवता नहीं है, उनका दान विष्णु को देवता मानकर दिया जाता है।
कैसे दें दान की दक्षिणा :
* दान करते समय दान लेने वाले के हाथ पर 'जल' गिराना चाहिए।
* दान लेने वाले को 'दक्षिणा' अवश्य देनी चाहिए।
* दान लेने की स्वीकृति मन से, वचन से या शरीर से दी जा सकती है।
* दान का अर्थ है, अपनी किसी वस्तु का स्वामी किसी दूसरे को बना देना।