भारतीय ज्योतिष शास्त्र में भूकंप, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के आने के पूर्व संकेतों का उल्लेख मिलता है। प्राचीन गणितज्ञ वराह मिहिर की वृहत संहिता के अनुसार भूकंप आने के कुछ कारण होते हैं जिसके हमें संकेत मिलते हैं। उन्हीं कारण या संकेत में से एक है ग्रहण योग। आओ जानते हैं भूकंप और ग्रहण का क्या है रिश्ता।
4. ग्रहण के कारण वायुवेग बदल जाता है, धरती पर तूफान, आंधी का प्राभाव बढ़ जाता है। ऐसे में धरती की भीतरी प्लेटों पर भी दबाव बढ़ता है और और आपस में टकराती है। वराह मिहिर के अनुसार भूकंप आने के कई कारण है जिसमें से एक वायुवेग तथा पृथ्वी के धरातल का आपस में टकराना है।