कहते हैं किसी इंसान को देखकर ही उसकी चारित्रिक विशेषताओं का आकलन किया जा सकता है। चेहरा हमारे व्यक्तित्व और स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। मन के भीतर जो भाव चलते हैं वही चेहरे पर प्रतिबिंबित होते हैं। आइए जानते हैं ज्योतिष के आधार पर मस्तक और बाल की प्रकृति से कैसे की जाती है व्यक्ति की पहचान।
सुंदर चेहरा छोटा मस्तक- ऐश्वर्य, धन तथा भोग वृत्ति को दर्शाता है। ऐसा व्यक्ति धर्म एवं शुभ कार्यों से वंचित होता है।
बड़ा मस्तक सुंदर चेहरा- दिव्य ज्ञान से युक्त व्यक्ति होता है। लोक कल्याणकारी होता है तथा परोपकार के लिए धन का संचय करता है।
मध्य से अधिक उभरा मस्तक- ईश्वर की दिव्य शक्ति को दर्शाता है। ऐसा व्यक्ति आदर्श जीवन व्यतीत करता है।
उन्नत ललाट (ऊंचा माथा)- सौभाग्य एवं धनवृद्धि का सूचक है। ऐसा मस्तक व्यक्ति को तेजस्वी तथा बुद्धिमान दर्शाता है।
दबा हुआ ललाट- यदि किसी व्यक्ति का माथा मध्य में दबा हुआ हो, मस्तक उभरा हुआ तथा बाल छोटे हों वह बड़ा भाग्यवान होता है। समाज में सम्मान पाता है तथा कुशाग्र बुद्धि होता है।
नासिका- लंबी नासिका जो अग्रभाग से छोटी हो, ऐसा व्यक्ति अहंकारी होता है। हर काम स्वार्थ एवं चतुराई से करता है। जिस व्यक्ति की नासिका आगे से बड़ी हो तथा नथुने कुछ खुले हो, वह धनवान, समाज में प्रतिष्ठा पाने वाला तथा स्त्री पक्ष की ओर से अधिक सुख भोगने वाला होता है।
मोटे ललाट छोटे बाल- जिस व्यक्ति का सिर मोटा हो, मस्तक उभरा हुआ तथा बाल छोटे हों, वह बड़ा भाग्यवान होता है। समाज में सम्मान पाता है तथा कुशाग्र बुद्धि होता है।
खल्वाट सर- यानी किसी व्यक्ति के सिर के अग्र भाग में बाल न हों और बालों की लहर पीछे की ओर हो, वह व्यक्ति धनवान, युक्तिशील, चतुर तथा प्रत्येक कार्य में सिद्धि पाने वाला होता है।
चोटी में सफेद बाल- ऐसे व्यक्ति में अद्भुत वाक्-शक्ति होती है, प्रभावशाली भाषण द्वारा जनता को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। वह चतुर एवं अहंकार से युक्त होता है।
मुलायम बाल- सिर पर कोमल तथा मुलायम बालों का होना सौभाग्य को प्रकट करता है।
बहुत छोटा तथा गड्ढेदार माथा- ऐसा चिह्न दुर्भाग्य तथा धनहानि का सूचक है। ऐसे व्यक्ति प्राय: संकीर्ण विचारों के होते हैं, मन की गांठ नहीं खोलते।
सिर पर बालों की चोटी- ऐसा व्यक्ति धार्मिक आचरण वाला तथा ईश्वर ज्ञान की लालसा रखने वाला होता है। आंतरिक दृष्टि से रहस्यवादी होता है।