मेंढक की ध्वनि को वर्षासूचक होने से धेनु यानी गाय के रम्भाने के समान मांगलिक माना गया है। इसके अतिरिक्त अतिरात्र नामक सोम यज्ञ में ऋषियों की भांति सरोवर में मेंढक की मांगलिक ध्वनि स्वीकार की गई है, जो समृद्धि के प्रतीक के रूप में मानी गई है।
धेनु की भांति शब्द करने वाले मेंढकों, बकरे की भांति शब्द करने वाले मेंढकों, भूरे रंग वाले (धूम्र वर्ण) मेंढकों और हरे रंग के मेंढकों से धन देने की प्रार्थना की गई है।