27 अगस्त को गोगा पंचमी है। प्रतिवर्ष भाद्रपद मास में यह त्योहार मनाया जाता है। गोगा पंचमी का व्रत रखने और पूजन करने से संतान और सुहाग की रक्षा होती है। सनातन संस्कृति में मान्यता है कि गोगा देव सर्पदंश से हमारे जीवन की रक्षा करते हैं। गोगा जी को सांपों के देवता के रूप में पूजा जाता है।
गोगा देव की पूजा की 10 खास बातें -
1. गोगा पंचमी के दिन गोगा देव का पूजन करें साथ ही नाग की मूर्ति पर भी दूध चढ़ाएं।
2. पंचमी के दिन जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें।
3. गोगा देव की पूजा के लिए दीवार की गेरू से पुताई करें। कच्चे दूध में कोयला मिलाएं और चौकोर आकृति बनाकर 5 सर्प बनाएं।
4. अब सर्प की आकृतियां पर कच्चा दूध, पानी चढ़ाएं और रोली व चावल अर्पित करें।
5. बाजरा, आटा, घी और चीनी मिलाकर चढ़ाएं।
6. अब विधि विधान से शिवलिंग का जलाभिषेक करके बिल्व पत्र अर्पित करें।
7. शिव पूजन के बाद अधिक से अधिक 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र का जाप जरूर करें। गोगा जी की कथा का वाचन करें।
8. गोगा देव को खीर, चूरमा, गुलगुले आदि पकवानों का भोग लगाएं।
9. मान्यता के अनुसार, नाग देवता की पूजा करने के साथ ही इस दिन जो व्यक्ति रुद्राभिषेक करता है उसको सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।