धर्मग्रंथों में सोने को सर्वश्रेष्ठ धातु स्वीकार किया गया है। इसी कारण देवी-देवताओं की मूर्तियां, आभूषण, सिंहासन आदि सोने से बनाए जाते हैं या सोने का आवरण चढ़ाया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार सोना बल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। यद्यपि मंदिरों में तांबा, पीतल और कांसे के पात्र भी उपयोग में लाए जाते हैं, किंतु एल्युमीनियम, लोहा और स्टील के पात्र पूजा-अर्चना में पूर्णतया वर्जित हैं।