नवग्रहों के गोचर में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन अर्थात गोचर बहुत महत्व रखता है। गुरु एक राशि में 1 वर्षपर्यंत रहने के उपरांत अपनी राशि परिवर्तित करते हैं।
4 नवंबर 2019, सोमवार की अर्द्धरात्रि को गुरु राशि परिवर्तन कर वृश्चिक राशि से अपनी स्वराशि धनु में प्रवेश करेंगे। गुरु, धनु व मीन राशि के स्वामी होते हैं। कर्क राशि में गुरु उच्च के एवं मकर राशि में गुरु नीचराशिस्थ होते हैं। विवाह में त्रिबल शुद्धि हेतु स्त्री जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन विशेष महत्व रखने के साथ ही समस्त 12 राशियों के जातकों को गुरु का गोचर प्रभावित करेगा।
आइए, जानते हैं आपकी राशि के लिए गुरु का धनु राशि में प्रवेश क्या फल प्रदान करेगा?
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धनवृद्धि होगी। पुत्र जन्म के कारण सुख प्राप्त होगा। भाग्य का साथ प्राप्त होगा। राज्य से सम्मान प्राप्त होगा। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। बंधु-बांधवों से लाभ प्राप्त होगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
2. वृषभ- वृषभ राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार शोक व भय का वातावरण रहेगा। चोरी इत्यादि की आशंका है। राज्य की ओर से कष्ट होगा। मानहानि होगी। आजीविका पर संकट आएगा। व्यवसाय में हानि होगी। भारी आर्थिक हानि के योग हैं। पेट संबंधी रोग के कारण शारीरिक कष्ट होगा। पुत्र से विवाद होगा। यात्राएं असफल होंगी।
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धनहानि के योग हैं। चोरी के कारण आर्थिक नुकसान होगा। संबंधियों व पुत्र से विवाद होगा। मानसिक अवसाद व चिंता रहेगी। राज्याधिकारियों से विवाद होगा।
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार पेट रोग के कारण कष्ट होगा। पुत्र से मतभेद व विवाद होगा। धन की कमी महसूस होगी। कब्ज रोग के कारण कष्ट होगा। विद्यार्थी वर्ग का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। शिक्षा व बौद्धिक कार्यों से उच्चाटन रहेगा। आस्तिकता में कमी आएगी। पुत्र सुख में कमी आएगी।
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। व्यवसाय में लाभ होगा। घर में मांगलिक उत्सव होगा। पुत्र सुख प्राप्त होगा। लॉटरी इत्यादि से लाभ होगा। बौद्धिक कार्यों से लाभ होगा। विद्याध्ययन में सफलता प्राप्त होगी।
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धनहानि होगी। मन अशांत रहेगा। प्रवास के योग बनेंगे। जमीन-जायदाद के मामलों में असफलता प्राप्त होगी। राज्य की ओर से दंड प्राप्ति के योग हैं।
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार शारीरिक कष्ट होगा। संबंधियों से विवाद होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। आर्थिक हानि होगी। व्यवसाय में हानि होगी। यात्रा निष्फल रहेगी।
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार कुटुम्ब सुख में वृद्धि होगी। धनलाभ होगा। मांगलिक प्रसंग जैसे विवाह, पुत्र का जन्म होगा। चल संपत्ति से लाभ होगा। शत्रु पराजित होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार राजभय के कारण मानसिक अशांति रहेगी। मानहानि होगी। आर्थिक नुकसान होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। यात्रा में कष्ट होगा। अत्यधिक व्यय होगा। पुत्र से कष्ट होगा।
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार संतान से विशेषकर पुत्र से कष्ट होगा। व्यर्थ धनहानि होगी। शारीरिक पीड़ा होगी। स्वास्थ्य खराब रहेगा। कलंक लगने के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होगी।
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर के कारण धनलाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शत्रु पराभव होगा। विवाह व पुत्र जन्म के कारण सुख प्राप्त होगा। संतान व राज्याधिकारियों से लाभ होगा।
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धनहानि व मानहानि होगी। पुत्र से कष्ट होगा। पेट रोग के कारण कष्ट होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। परिश्रम का अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं होगा। विद्यार्थी वर्ग का विद्याध्ययन से उच्चाटन होगा।
गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु उपयोगी उपाय-
1. प्रत्येक गुरुवार को गुरु का दान करें। (दान सामग्री- पीला वस्त्र, चना दाल, स्वर्ण, हल्दी की गांठ, केसर, पीले फूल, गाय का घी, पीले फल आदि।)
2. प्रत्येक गुरुवार एक वृद्ध ब्राह्मण को बूंदी के लड्डू खिलाएं।
3. प्रत्येक गुरुवार अश्व को चना दाल खिलाएं।
4. प्रतिदिन चंदन का तिलक करें।
5. गुरुजनों व अपने से बड़ों का आदर करें।
(निवेदन : उपर्युक्त विश्लेषण ग्रह-गोचर की गणना पर आधारित है। जन्म पत्रिका में ग्रह स्थिति एवं दशाओं के कारण इसमें परिवर्तन संभव है।)