आज है गुरु पुष्य शुभ योग, Guru Pushya का महासंयोग, सरल शब्दों में जानिए कौन से 10 काम करें और किन कामों से बचें

गुरुवार, 28 अक्टूबर 2021 (11:12 IST)
Guru Pushya Nakshatra Yoga 2021: आज 28 अक्टूबर 2021 को गुरु पुष्‍य नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। दीपावली के पूर्व आने वाले पुष्‍य नक्षत्र को सबसे खास माना जाता है। उसमें भी गुरु पुष्‍य नक्षत्र सबसे शुभ होता है। आओ जानते हैं इस शुभ नक्षत्र का महासंयोग और जानिए कि करें कौनसे कार्य और कौनसे कार्य नहीं करना चाहिए।
 
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नक्षत्र काल का समय : इस बार 28 अक्टूबर 2021 गुरुवार को गुरु पुष्य ( Pushya Nakshatra 2021 ) का योग सुबह 09:41 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11:38 तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्र ग्रह का प्रभाव होता है।
 
महासंयोग : ज्योतिष विद्वानों के अनुसार वर्तनाम में शनि और गुरु के मकर राशि में रहते हुए गुरु पुष्य नक्षत्र ( Guru Pushya Nakshatra Yoga 2021 ) का संयोग इससे पहले 5 नंबर 1344 में बना था। अब 677 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जबकि मकर में शनि और गुरु की युति और गुरुवार को पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग ( sarvartha siddhi yoga ), अमृत सिद्ध योग और रवि योग ( Ravi yaga ) बन रहा है। सर्वार्धसिद्धि और अमृत सिद्ध योग पूरे दिन रहेगा, जबकि रवि योग प्रात: 06:03 से 09:42 तक रहेगा।
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पांचांग के अनुसार इस 28 अक्टूबर 2021 के दिन तुला राशि में मंगल और सूर्य की युति है जबकि मकर में शनि और गुरु की युति है। इसके साथ ही कर्क में चंद्र, वृषभ में रा‍हु, वृश्‍चिक में शुक्र व केतु और कन्या में बुध ग्रह का गोचर हो रहा है। मकर में शनि और गुरु की युति और तुला में सूर्य और मंगल की युति है। इस तरह चार ग्रहों का केंद्र में शुभ संयोग बन रहा है।
 
ये 10 कार्य करें ( guru pushya nakshatra shopping )
1. सोना खरीदें : इस दिन सोना खरीदना शुभ होता है, क्योंकि सोना बृहस्पति की धातु है।
 
2. चांदी खरीदें : यदि सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो इस दिन चांदी खरीदें क्योंकि चांदी चंद्र की धातु है।
 
3. पीतल के बर्तन खरीदें : इस दिन सोना या चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं तो पीतल के बर्तन खरीदें।
 
4. लोहे की वस्तु खरीदें : पुष्य नक्षत्र शनि का नक्षत्र है तो इस दिन वाहन या लोहे की कोई वस्तु भी खरीद सकते हैं।
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5. कला के कार्य : इस नक्षत्र में शिल्प, चित्रकला, पढ़ाई प्रारंभ करना उत्तम माना जाता है। 
 
6. निर्माण कार्य : इस नक्षत्र में मंदिर निर्माण, घर निर्माण आदि कार्य प्रारंभ करना भी शुभ माने गए हैं।
 
7. उपनयन संस्कार : इस नक्षत्र के समय छोटे बालकों के उपनयन संस्कार और उसके बाद सबसे पहली बार विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजा जाता है।
 
8. बहीखाता : इस दिन बहीखातों की पूजा करना और लेखा-जोखा कार्य भी शुरू कर सकते हैं।
 
9. नए कार्य की शुरुआत : इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करें, जैसे ज्ञान या विद्या आरम्भ करना, कुछ नया सीखना, दुकान खोलना, व्यापार करना, लेखक हैं तो कुछ नया लिखना आदि। इस दिन धन का निवेश लंबी अवधि के लिए करने पर भविष्य में उसका अच्छा फल प्राप्त होता है।
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10. अन्य कार्य : इस शुभदायी दिन पर महालक्ष्मी की साधना करने, पीपल या शमी के पेड़ की पूजा करने से उसका विशेष व मनोवांछित फल प्राप्त होता है। पुष्य नक्षत्र में दिव्य औषधियों को लाकर उनकी सिद्धि की जाती है। इस दिन कुंडली में विद्यमान दूषित सूर्य के दुष्प्रभाव को घटाया जा सकता है।
 
ये 9 कार्य नहीं करें : ( 28 october guru pushya nakshatra 2021 )
 
1. इस नक्षत्र में सुई या कोई धारदार वस्तुएं नहीं खरीदें।
 
2. मान्यता अनुसार इस नक्षत्र में पुरानी या सेकंड हेंड वस्तुएं नहीं खरीदना चाहिए।
 
3. काले कपड़े नहीं खरीदना चाहिए।
 
4. कोई चमड़े की वस्तु नहीं खरीदना चाहिए।
 
5. इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है अत: इस नक्षत्र के दौरान शनि के मंदे कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे, शराब पीना, ब्याज पर रुपया देना, झूठ बोलना, स्त्री का अपमान करना आदि।
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6. मुहूर्त चिंतामणि नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ के श्लोक 10 के अनुसार, पुष्य, पुनर्वसु और रोहिणी इन तीन नक्षत्रों में सधवा स्त्री नए स्वर्ण आभूषण और नए वस्त्र धारण नहीं करें, ऐसा लिखा है। मतलब यह कि इस दिन संभवत: स्वर्ण तो खरीदा जा सकता है लेकिन पहना नहीं जा सकता?
 
7. विदवानों का मानना है कि इस दिन विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि पुष्य नक्षत्र को ब्रह्माजी का श्राप मिला हुआ है, इसलिए यह नक्षत्र विवाह हेतु वर्जित माना गया है।
 
8. बुधवार और शुक्रवार के दिन पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र उत्पातकारी भी माने गए हैं। अत: इस दिन कोई भी शुभ या मंगल कार्य ना करें और ना ही कोई वस्तु या वाहन खरीदें।
 
9. पुष्य नक्षत्र को बहुत ही पवित्र और शुभ माना गया है इसलिए इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार के तामसिक या अपवित्र कार्य न करें।
 

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