Guru Pushya Yoga: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस बार 2025 में कुल 3 बार गुरु पुष्य नक्षत्र पड़ रहा है। पहला 24 जुलाई को, दूसरा 21 अगस्त और तीसरा 18 सितंबर को। धार्मिक मान्यतानुसार गुरु पुष्य नक्षत्र एक अत्यंत शुभ योग है जो धन, समृद्धि और सफलता के लिए विशेष माना जाता है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है। यहां गुरु पुष्य नक्षत्र की अवधि, पूजा और खरीदी के शुभ मुहूर्त की जानकारी दी जा रही है:ALSO READ: हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग, इन 5 उपायों से दूर होगी धन की परेशानी
गुरु पुष्य नक्षत्र की अवधि:
• गुरु पुष्य नक्षत्र प्रारंभ: 24 जुलाई 2025, गुरुवार को शाम 04:43 बजे
• गुरु पुष्य नक्षत्र का समापन: 25 जुलाई 2025, शुक्रवार को सुबह 06:13 बजे।
इस दौरान पूरे दिन गुरु पुष्य योग प्रभावी रहेगा जिसमें आप पूजा-पाठ और शुभ कार्य कर सकते हैं।
पूजा और खरीदी का शुभ मुहूर्त:
गुरु पुष्य नक्षत्र में पूजा और खरीदी के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जिनमें आप अपनी सुविधानुसार कार्य कर सकते हैं:
1. गुरु पुष्य नक्षत्र का प्रारंभ मुहूर्त विशेषकर खरीदी के लिए:
- समय: 24 जुलाई 2025, गुरुवार को शाम 04:43 बजे से सूर्यास्त तक।
- समय: 24 जुलाई 2025, गुरुवार को सुबह 04:15 बजे से सुबह 04:57 बजे तक।
- विशेषता: यह समय आध्यात्मिक कार्यों, ध्यान, मंत्र जाप और देवी-देवताओं की पूजा के लिए सर्वोत्तम है। इस समय की गई पूजा का फल कई गुना अधिक मिलता है।
3. अभिजीत मुहूर्त सभी शुभ कार्यों के लिए:
- समय: 24 जुलाई 2025, गुरुवार को दोपहर 12:19 बजे से दोपहर 01:11 बजे तक।
- विशेषता: यह मुहूर्त दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस समय आप कोई भी नया कार्य शुरू कर सकते हैं, महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं या कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।
4. अमृत काल (शुभ कार्यों के लिए):
- समय: 24 जुलाई 2025, गुरुवार को दोपहर 02:26 बजे से दोपहर 03:58 बजे तक।
- विशेषता: यह मुहूर्त भी अभिजीत मुहूर्त के साथ ही पड़ रहा है, जो इसे और भी शक्तिशाली बनाता है। यह समय किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए उत्तम है।
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