(6) शत्रु व क्रोध नाश के लिए सरसों के तेल से हनुमानजी का अभिषेक किया जाता है। कई लोग हनुमत् साधना करते हैं तथा बीच में रोक देते हैं। पूछने पर बताते हैं कि उन्हें क्रोध ज्यादा आने लगा या व्यवधान होने लगे अत: वे निम्न मंत्र का जप कुछ दिन पहले करें या हमेशा भी कर सकते हैं। इस मंत्र का कुछ दिन जप करने से सुख-शांति मिलती है।
इन सबके अलावा 'श्री विचित्रवीर्य हनुमन्न्माला मंत्र, श्री हनुमद्डबवानल स्तोत्र, हनुमत् स्तोत्र, शतनाम, सहस्रनाम, लांगूलास्त्र-शत्रुंजय हनुमत स्तोत्र, एकमुखी हनुमत् कवच, पंचमुखी हनुमत् कवच, सप्तमुखी हनुमत् कवच, एकादशमुखी हनुमत् कवच आदि उपलब्ध का कामनानुसार पाठ व अनुष्ठानादि किया जा सकता है।