क्या करें जब मिले न 'शुभ मुहूर्त'
जहां तक संभव हो, उपर्युक्त निर्दिष्ट शास्त्रोक्त यात्रा मुहूर्त के अनुसार ही अपनी महत्वपूर्ण यात्राएं करनी चाहिए। लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियों का निर्माण हो जाता है कि यात्रा करना आवश्यक होता है एवं मुहूर्त प्रतिकूल होता है। हमारे शास्त्रों में इस दुविधा का भी समाधान दिया गया है। शास्त्रानुसार जब भी ऐसी परिस्थिति बने तो यात्रा करने से पूर्व किसी भी 'कवच' जैसे दुर्गा कवच, रामरक्षास्तोत्र, सुदर्शन कवच आदि का 1, 3, 5 या 11 की संख्या में पाठ कर यात्रा प्रारंभ करनी चाहिए।
रोगी के लिए यात्रा मुहूर्त देखने का निषेध
सामान्यजनों को उपर्युक्त यात्रा मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही अपनी महत्वपूर्ण यात्राएं करनी चाहिए लेकिन रोगी के लिए यात्रा (औषधालय जाने हेतु) मुहूर्त देखे बिना ही यात्रा प्रारंभ करने का शास्त्रों में निर्देश है। कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे कोर्ट-कचहरी या राजाज्ञा के अनुपालन में भी यात्रा मुहूर्त का देखा जाना आवश्यक नहीं है।