अक्सर शनि को लेकर लोगों में भय बना रहता है। लेकिन शनि न्याय का देवता है, अगर आप सही हैं तो यह आप पर अपनी कृपा बनाए रखता है। शनि एक अच्छा ग्रह है, यदि इसके स्वभाव के अनुरूप कार्य होगा तो शनि के दुष्प्रभाव का किंचित मात्र भी असर नहीं होगा।
रवि और गुरु द्वारा शनि पराजित होता है। यह तुला, मकर तथा कुंभ राशि में स्त्री स्थान में, स्वग्रह में, शनिवार को अपनी दशा में, राशि के अंत भाग में, युद्ध के समय, कृष्णपक्ष में तथा वक्री हो, इस समय, किसी भी स्थान पर हो बलवान होता है।
शनि के लिए मेष, सिंह, धनु, कर्क, वृश्चिक, मीन तथा मिथुन ये राशिया शुभ हैं। तुला और कुंभ अशुभ। वृषभ, कन्या और मकर बहुत अनिष्ट हैं, इन्हें उत्पात राशि कहा जाता है। जो व्यक्ति शनि के प्रभाव से भयभीत हैं, उन्हें नीचे बताए हुए प्रयोग करना चाहिए जिससे उनका जीवन सुखमय हो सके।
(3) गुरु या गुरुतुल्य के आशीर्वाद लेते रहें।
(4) किसी को अकारण कष्ट नहीं दें और प्रत्येक को भगवान का स्वरूप समझें।
(7) जो व्यक्ति कर्म और मन से सात्विक हो, परोपकार वृत्ति हो, गरीबों को अपनी समर्थता के अनुसार दान करता हो उन्हें शनि परेशान नहीं करते।