शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि और महत्व

HIGHLIGHTS
• शुक्रवार के दिन पड़ने वाले व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है।
• यह व्रत हर कार्य में सफलता दिलाता है।
• शुक्र प्रदोष व्रत सुख-सौभाग्य और दांपत्य जीवन में खुशहाली लाता है। 

Today pradosh vrat : वर्ष 2024 में 8 मार्च, दिन शुक्रवार को महाशिवरात्रि का व्रत मनाया जा रहा है। इसी दिन प्रदोष व्रत आने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत भी किया जाएगा। इस बार फाल्गुन अमावस्या के ठीक पहले प्रदोष व्रत रखा जा रहा है, जो कि बहुत खास है, क्योंकि इसी दिन महाशिवरात्रि और प्रदोष यह दोनों दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित व्रत है। इस दिन भगवान शिव का पूजन-आराधना करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

ALSO READ: फाल्गुन अमावस्या कब है, जानें महत्व | Phalgun Amavasya 2024
आइए यहां जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत के बारे में-
 
पूजा विधि: 
 
महत्व- हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रतिमाह आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे बड़ा दिन होता है। इस प्रदोष काल में भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल में पूजा करने से भगवान शिव जी जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

मान्यतानुसार प्रदोष काल शाम को सूर्यास्त के करीब 45 मिनट पहले से आरंभ हो जाता है। कहते हैं कि प्रदोष काल में की गई पूजा का फल शीघ्र मिलता है। जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होकर धन और संपदा मिलने के योग बनते हैं और हर कार्य में सफलता भी मिलती है। 
 
इस बार शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। शुक्रवार के दिन पड़ने वाले व्रत को ही शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं। इस दिन यह व्रत करने से सुख-समृद्धि, सौभाग्य तथा ऐश्वर्य प्राप्ति का वरदान मिलता है। धर्मग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है।

यह प्रदोष सूर्यास्त से लगभग 1 घंटा पहले का समय होता है, जो प्रदोष काल कहलाता है और यह व्रत करने से भगवान शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सकती है। इससे जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रह जाता है। इतना ही नहीं, समस्त आर्थिक संकटों के समाधान के लिए हर व्यक्ति को प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। 
 
इस दिन शिव चालीसा और शिवाष्टक का पाठ करना अतिलाभकारी है। शिव-पार्वती, श्रीविष्णु जी की आराधना करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीष मिलता है। इस व्रत को रखने वाले भक्तों के जीवन से दु:ख-दरिद्रता दूर होकर धन, सुख और समृद्धि मिलती है, ऐसा इस व्रत का महत्व है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: महाशिवरात्रि पर क्यों होती है शिवजी के नटराज स्वरूप की पूजा

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी