वर्तमान में ग्रह और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति बनी है जो कि 5 हजार वर्ष पूर्व महाभारत काल में बनी थी जिसके चलते कुरुक्षेत्र का युद्ध हुआ था। वर्तमान में 8 वर्षों तक ऐसी स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में देश और दुनिया के लिए वर्ष 2033 तक यही स्थिति बनी रहेगी। आओ जानते हैं कि क्या है ग्रहों की स्थिति और क्या कुछ बड़ा होने वाला है।
अतिचारी बृहस्पति की असामान्य गति:
महाभारत काल में यानी 5000 हजार वर्ष पहले गुरु 7 राशियों में 7 वर्ष तक अतिचारी रहे थे। जिसके चलते महायुद्ध हुआ था। करीब 1000 वर्ष पहले भी गुरु अतिचारी हुए थे तब भी बड़े बदलाव हुए थे। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति की असामान्य गति थी। पिछले कुछ वर्ष पहले यानी 2018 से लेकर 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों में अतिचारी थे। इन वर्षों में जो हुआ वह सभी ने देखा है। वर्ष 2019 से ही देश और दुनिया में तेजी से बदलाव हुआ है। कोरोना महामारी के बाद तो दुनिया पूरी तरह से बदल गई है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2025 में बदलाव का दूसरा चरण प्रारंभ होगा। ज्योतिष की दृष्टि से 2025 और 2026 को सबसे खतरनाक वर्ष बताया जा रहा है। क्योंकि इसी दौरान शनि, गुरु, राहु और केतु का महापरिवर्तन होने वाला है।
भविष्य मालिका की भविष्यवाणियां:
ओड़िसा के पंचसखा में से एक संत अच्युतानंददास की ने 500 वर्ष पहले अनगिनत भविष्यवाणियां की हैं। इनकी भविष्यवाणी की किताब को 'भविष्य मालिका' कहा जाता है। उनकी भविष्यवाणियों में कलयुग में अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी के साथ ही देशों के भविष्य को लेकर भी भविष्यवाणियां हैं। उन्होंने कलयुग के अंत और उसके बाद विनाश की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद उन्होंने सतयुग के प्रारंभ की बात कहीं है।
'भविष्य मालिका' में ऐसे संकेत किए गए हैं जिससे यह पता चलता है कि कब कलयुग का अंत होगा। वायरल हो रहे वीडियो में बताया जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर से मिल रहे संकेतों से यह पता चलता है कि वर्ष 2022 में कलयुग का अंत हो गया है और अब विनाश का प्रारंभ होगा। कहा जा रहा कि शनि के कंभ राशि में प्रवेश करते ही तीसरे विश्व युद्ध प्रारंभ की नींव पड़ जाएगी। शनि ने 29 अप्रैल को ही कुंभ में प्रवेश किया है। उससे पहले ही रशिया और यूक्रेन का युद्ध प्रारंभ हो गया है। बताया जा रहा है कि शनि के वक्री होकर 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में गोचर करेगा। उसके बाद जब 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में आएंगे तो तीसरा विश्व युद्ध प्रारंभ हो जाएगा। यह युद्ध 6 साल 6 माह चलेगा और भारत इसमें अंतिम के 13 माह तक शामिल रहेगा। यानी वर्ष 2028 से 2029 के बीच भारत युद्धरत रहेगा। जीत अंत में भारत की होगी। लेकिन तब तक भारत में मिलट्री शासन होगा। उसके बाद भारत की शासन व्यवस्था अलग ही होगी। यानि उस वक्त ओड़िसा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा और भारत के आखिर प्रधानमंत्री के बारे में कहा गया है कि वह एक योगी पुरुष होगा और उसकी कोई संतान नहीं होगी। सभी मान रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ ही भारत के अंतिम प्रधानमंत्री होंगे।